Chhattisgarh Mansoon Session 2022 : कृषि मंत्री ने केंद्र पर फोड़ा ठीकरा, कहा- मांग की तुलना में केंद्र से आबंटन बेहद कम
Chhattisgarh Mansoon Session 2022 : रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र में बीजेपी ने खाद-बीज की किल्लत पर सरकार से सवाल किया। भाजपा सदस्यों ने कहा कि आर्थिक तंगी की वजह से किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं।
also read : Dharamjaygarh Breaking News : धर्मजयगढ़ के ग्राम बोजिया में कुदरत का कहर, बड़ी घटना आई सामने
बीते साढ़े तीन सालों में 372 किसानों ने आत्महत्या की है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि माँग की तुलना में केंद्र से खाद-बीज का आवंटन बेहद कम है।
सदन की कार्रवाई के दौरान भाजपा ने खाद-बीज को लेकर स्थगन प्रस्ताव देते हुए सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा की माँग उठाई।
सदन में स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता के बाद हुई चर्चा में बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि दोगुनी क़ीमत पर किसानों को खाद-बीज की खऱीदी करनी पड़ रही है।
बिजली की अघोषित कटौती से भी किसान परेशान हैं। कहीं ट्रांसफार्मर खऱाब हुआ तो कई-कई दिन उसे ठीक करने कोई नहीं जाता।
खाद-बीज के लिए चक्कर लगा रहा किसान
बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार है या नहीं? खेती करने की बजाय किसान खाद-बीज लेने चक्कर लगा रहा है। बीज निगम के पास पैसा नहीं है। सौ करोड़ रुपये के लोन के लिए अप्लाई किया गया है।
सरकार की सोसाइटी में खाद नहीं है, लेकिन खुले बाज़ार में बिक रहा है। सोसाइटियों से खाद नहीं मिल रहा है, लेकिन ब्लैक मार्केट में आसानी से मिल रहा है।
केंद्र खाद का पर्याप्त आवंटन कर रहा है। केंद्र से अब तक 85 फ़ीसदी खाद राज्य सरकार को मिल चुकी है। इस सरकार में ना तो चीफ़ सेक्रेटरी को फुर्सत है और ना ही सेक्रेटरी को।
खाद बांटने का मैनेजमेंट ठीक नहीं
बीजेपी विधायक नारायण चंदेल ने कहा कि सरकार का खाद बाँटने का मैनेजमेंट ठीक नहीं है। अमानक बीज मिल रहा है। किसानों के साथ अधिकारी अभ्रदता से पेश आ रहे हैं।
बिजली कटौती की वजह से किसानों के पंप नहीं चल रहे। कांग्रेस सरकार ने कहा था कि बिजली बिल हाफ़ होगा बिजली ही हाफ़ हो गया।
वहीं बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में खाद की कालाबाज़ारी चल रही है। खाद का रैक आते ही लूट शुरू हो जाती है। 40 फ़ीसदी खाद सोसाइटियों में तो 60 फ़ीसदी खुले बाज़ार में जा रहा है।
खाद आबंटन के लिए स्पष्ट नीति नहीं
also read : https://jandhara24.com/news/107254/baba-bhoramdev-who-sits-in-the-captivating-valley/
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि खाद आबंटन के लिए सरकार के पास कोई स्पष्ट नीति नहीं है कि कितनी खाद खुले बाज़ार में जाएगी और कितनी सोसाइटियों में जाएगी। कृषि के ग्राउंड के अधिकारी सिफऱ् गोबर खऱीदी में ध्यान दे रहे हैं।
सरकार के संरक्षण में खाद के कालाबाज़ारी के संगठित धंधे चल रहे हैं। इसी सदन में मुख्यमंत्री ने कहा था कि पाँच हज़ार मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है लेकिन राज्य में कहीं भी चले जाए ही तरह बिजली कटौती चल रही है। बीजेपी नेता पून्नुलाल मोहिले ने कहा ये सरकार डाकू है। समय पर किसानों को बीज नहीं मिला।
कृत्रिम कमी पैदा कर पैदा कर रहे क्राइसेस
पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि सवाल इस बात का है कि कृत्रिम कमी कर क्राइसेस पैदा किया जा रहा है। 15 सालों में बनाई हमारी व्यवस्था को अलग कर दिया गया है।
पूरे छत्तीसगढ़ का किसान खेत में नहीं सोसाइटी में धरना-प्रदर्शन करता मिलेगा।
किसी सोसाइटी में 500 बोरी वितरण की व्यवस्था है तो वहाँ दो हज़ार लोग आ जाते हैं। कृषि मंत्री इस बात का जवाब दें कि धान का कितना रक़बा बढ़ा।
तीन सालों में यदि रक़बा बढ़ा है उसके अनुपात में केंद्र से कितने उर्वरक की माँग की गई। छत्तीसगढ़ में खऱीफ़ फसल के लिए छह लाख 50 हज़ार मीट्रिक टन की डिमांड है, और उपलब्धता पाँच लाख मीट्रिक टन की है।
किसानी छोड़ किसान कर रहे चक्काजाम
बीजेपी विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि मानसून सत्र किसानों के लिए ही होता है। ये राजनीतिक विषय नहीं है। किसानों की बदहाल स्थिति पर हम बात रख रहे हैं।
ये किसानों से जुड़ा विषय नहीं। विधायक रंजना साहू ने कहा कि किसान आज किसानी करना छोड़ हाइवे जाम कर रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर रहे हैं। खाद-बीज नहीं है।
किसानों को जो मिल रहा है उसकी गुणवत्ता नहीं है। विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि आज 21 जुलाई है। रोपा का काम अंतिम दौर में है।
आठ-दिनों में ऐसी कोई स्थिति बनती नहीं दिख रही है कि किसानों की समस्या ख़त्म हो जाए। सरकार का ध्यान अब धान उत्पादन में कमी लाने की है, इसलिए कृत्रिम कमी उत्पन्न की जा रही है।
वर्मी कपोस्ट के लिए कर रहे जागरूक
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि खाद बीज की कमी की वजह से किसी किसान ने आत्महत्या नहीं की है। सात लाख क्विंटल बीज का आबंटन किसानों को किया जा चुका है।
यह पिछले वर्ष से चार फ़ीसदी ज़्यादा है। केंद्र से जितनी माँग की गई थी, अप्रैल महीने में केंद्र ने माँग की तुलना में 55 फ़ीसदी कम आबंटन किया।
मई माह में 32 फ़ीसदी कम आवंटन किया गया। पिछले वर्ष की तुलना में राज्य के किसानों को अधिक मात्रा में उर्वरक आबंटित की गई है।
बीज दुकानों के खि़लाफ़ 67 दुकानदारों पर कार्रवाई की गई है। यह सही नहीं है कि किसानों की तुलना में बाज़ार में खाद बीज उपलब्ध कराई जा रही है।
किसानों को वर्मी कंपोस्ट के इस्तेमाल के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।