President India राष्ट्रपति ने प्रदान किए स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार

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President India राष्ट्रपति ने प्रदान किए स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार

President India नयी दिल्ली !  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को यहां स्वच्छ भारत दिवस मनाने के लिए जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और विभिन्न वर्गों में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण पुरस्कार प्रदान किए।

President India इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गांधी जी के विचार शाश्वत हैं। उन्होंने सत्य और अहिंसा की तरह स्वच्छता पर भी बल दिया।

स्वच्छता पर उनके संकल्प का उद्देश्य सामाजिक विकृतियों को दूर करना और एक नवीन भारत का निर्माण करना था। इसलिए उनके जन्मदिन को ‘स्वच्छ भारत दिवस’ के रूप में मनाना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करना है।

President India राष्ट्रपति ने कहा कि 2014 में ‘स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण’ के आरंभ होने के बाद से 11 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है और लगभग 60 करोड़ लोगों ने खुले में शौच करने की अपनी आदत बदल ली है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस मिशन के माध्यम से भारत ने 2030 की अंतिम समय सीमा से 11 वर्ष पहले ही संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य संख्या-6 को प्राप्त कर लिया है।

President India मुर्मू ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण’ एक व्यवहार-परिवर्तन आंदोलन है। कोविड महामारी के दौरान, सभी ने महसूस किया कि शौचालय, साबुन से हाथ धोने की आदत और नल के माध्यम से पानी की आपूर्ति ने इस आपदा में ढाल का काम किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ‘स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण’ के दूसरे चरण को लागू कर रही है, जिसका उद्देश्य देश के सभी छह लाख गांवों खुले में शौच से मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि इसमें सफलता अर्जित करने के बाद, हमें अब ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन जैसी अधिक जटिल और तकनीकी समस्याओं का समाधान करना होगा।

उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि ‘स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण’ के दूसरे चरण की शुरुआत के बाद से, एक लाख 16 हजार से अधिक गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया है और लगभग तीन लाख गांवों में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन का काम भी आरंभ हो गया है।

President India राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार स्वच्छता के साथ-साथ हर घर में गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है। ‘जल जीवन मिशन’ ने वर्ष 2024 तक हर घर को नियमित और गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

उन्होंने कहा कि 2019 में जल जीवन मिशन के आरंभ के समय, केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों में नल जल की आपूर्ति थी, जो पिछले तीन साल में बढ़कर लगभग 10.27 करोड़ तक पहुंच गई है।

उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से हाल के वर्षों में जल जनित बीमारियों में उल्लेखनीय कमी आई है। लेकिन हमारा लक्ष्य बहुत बड़ा है। हमें जल प्रबंधन और स्वच्छता के क्षेत्र में दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करनी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज जब हम अमृत-काल में प्रवेश कर रहे हैं, तो हमारा संकल्प स्वस्थ, स्वच्छ और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होना चाहिए। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में हमें बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि इतनी बड़ी जनसंख्‍या को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी और प्रचुर संसाधनों की आवश्यकता होगी।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम अपने राजनीतिक नेतृत्व, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, शिक्षकों और सभी जागरूक नागरिकों के संयुक्त प्रयासों से भारत को विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में सफल होंगे।

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