( Messing with children’s education) बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ : स्कूलों में नियमित समय पर नहीं पहुंच रहे हैं शिक्षक

( messing with children's education)

भुवनेश्वर प्रसाद साहू
( messing with children’s education)  बेबस बच्चे …लाचार अधिकारी ?

 विभाग की उदासीनता और संरक्षण में शिक्षकों की मनमानी

 

( messing with children’s education)  कसडोल !  बलौदाबाजार जिला कसडोल विकासखंड के अंतर्गत विभिन्न स्कूलों में नियमित समय पर नहीं पहुंच रहे हैं शिक्षक! शिक्षा विभाग की उदासीनता और संरक्षण में बच्चों की शिक्षा व्यवस्था के साथ हो रहा है खिलवाड़ !

( messing with children’s education) शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता कहे या संरक्षण…? कि विकासखंड कसडोल के अंतर्गत विभिन्न स्कूलों में पदस्थ शिक्षक नियमित समय में स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं और ऐसे शिक्षकों की कमी भी नहीं है जो अपने पहुंच और रुतबे के तेवर में विद्यालय जाना तो दूर की बात …अपनी उपस्थिति हस्ताक्षर रजिस्टर में डंके की चोट में अग्रिम दिनों की हस्ताक्षर करके आते हैं किंतु इन सब की जानकारी होते हुए भी उच्च अधिकारी हमेशा रटे हुए एक जुबान में अनभिज्ञता जाहिर करते हैं जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं ?

( messing with children’s education) इसीलिए बलौदाबाजार जिला के कसडोल क्षेत्र में दिनोंदिन शिक्षा का स्तर गिरता ही जा रहा है ! जब शिक्षक ही शिक्षा का अलख जगाने में रुचि नहीं रखते तो बच्चे कैसे पढ़ लिख कर आगे बढ़ेंगे? अपने समाज , अपने परिवार और देश के नाम को कैसे आगे बढ़ाएंगे ?

बच्चों की शिक्षा व्यवस्था के साथ हमेशा से खिलवाड़ करते आ रहे हैं ये कामचोर शिक्षक ?
शिक्षा विभाग द्वारा जारी नियमित समय का पालन भी नहीं कर रहे हैं शिक्षक !
नियत समय में स्कूलों में पहुंचने के बजाय यत्र -त्रत घूमते नजर आ जाते हैं , जिससे उच्च अधिकारियों के मानिटरिंग सिस्टम पर भी सवालिया निशान लग रहा है !

अधिकांश शिक्षकों का निवास स्थान है विकासखंड मुख्यालय कसडोल में

शासकीय नौकरी करने वाले शिक्षक स्वयं अपने बच्चों को मुख्यालय कसडोल व आस-पास स्थित निजी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कराने के नाम पर पदस्थ विद्यालयों के समीपस्थ पैतृक गांव होने के बावजूद विकासखंड मुख्यालय कसडोल में निवास करते हैं और अपने बच्चों को पहले निजी विद्यालय में पहुंचाने के बाद ही अपने पदस्थ विद्यालयों में शिक्षण कार्य कराने के लिए 20 से 25 किलोमीटर की दूरी का सफर तय करते हैं !
फिर अपने बच्चों को उनके विद्यालयों से घर वापस लाने के लिए अध्यापनरत विद्यालयों से जल्दी आ भी जाते हैं !

शासकीय विद्यालयों में सुबह की प्रार्थना का समय निर्धारित है फिर भी प्रार्थना में उपस्थित नहीं रहते विद्यालय में पदस्थ शिक्षक

छत्तीसगढ़ शासन शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार शासकीय विद्यालयों में सुबह 9:45 को प्रार्थना के समय पर समस्त शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य है ! जबकि विकासखंड मुख्यालय कसडोल में निवासरत शिक्षक सुबह 10 बजे के बाद भी नगर में भ्रमण करते नजर आ जाते हैं ! विद्यालयीन समय में नगर में दिखे जाने पर उन शिक्षकों के संबंध में पूछे जाने पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में विद्यालय संबंधित कार्य कराने का हवाला दिया जाता है !

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