(INS Vagir) ‘आईएनएस वागीर भारतीय नौसेना में शामिल

(INS Vagir)

(INS Vagir) सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें शामिल पनडुब्बी
एमडीएल ने फ्रांस के ‘मैसर्स नेवल ग्रुप के सहयोग से किया निर्माण

(INS Vagir) मुंबई। कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की पांचवीं पनडुब्बी ‘आईएनएस वागीर को सोमवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया, जिससे बल की ताकत और बढ़ेगी। ‘आईएनएस वागीर का निर्माण ‘मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने फ्रांस के ‘मैसर्स नेवल ग्रुप के सहयोग से किया है।

(INS Vagir) नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में इसे नौसेना में शामिल किया गया।भारतीय नौसेना के अनुसार, पनडुब्बी दुश्मन को रोकने की भारतीय नौसेना की क्षमता में इज़ाफा करके भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ाएगी।

(INS Vagir) यह संकट के समय में निर्णायक वार करने के लिए खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) अभियान के संचालन में भी मददगार साबित होगी। नौसेना के अनुसार, ‘वागीर का अर्थ ‘सैंड शार्क है, जो तत्परता एवं निर्भयता के भाव को प्रतिबिंब करती है। एडमिरल कुमार ने ‘आईएनएस वागीर को दुर्जेय हथियारों से लैस अत्याधुनिक ‘स्टील्थ तकनीक वाली घातक पनडुब्बी बताते हुए कहा कि इसकी क्षमता व मारक क्षमता न केवल नौसेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि देश की प्रतिरोधक क्षमता में भी इज़ाफा करेगी। कुमार ने कहा कि ‘आईएनएस वागीर पिछले 24 महीनों में नौसेना में शामिल की गई चौथी पनडुब्बी है।

(INS Vagir) एमडीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नारायण प्रसाद ने कहा कि ‘आईएनएस वागीर ने फरवरी 2022 से 11 महीने में समुद्री परीक्षण पूरा किया। नौसेना के अनुसार, ‘आईएनएस वागीर दुनिया के कुछ बेहतरीन ‘सेंसर और हथियारों से लैस है, जिसमें ‘वायर गाइडेड टॉरपीडो और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं, जो दुश्मन के बड़े  बेअसर कर सकती हैं।

(INS Vagir) नौसेना के अनुसार, पनडुब्बी में विशेष अभियानों के लिए समुद्री कमांडो को पानी में उतारने की क्षमता है, जबकि इसके शक्तिशाली डीज़ल इंजन ‘बैटरी को बहुत जल्दी चार्ज कर सकते हैं। आत्मरक्षा के लिए इसमें अत्याधुनिक ‘टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम लगाया गया है। कलवरी पनडुब्बियों में से अंतिम ‘वागशिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इसे मार्च-अप्रैल में पहली सतही समुद्री यात्रा शुरू करने के लिए तैयार किया जा रहा है।

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