(Fatty liver) फैटी लीवर की बीमारी भारत में एक महामारी की तरह 

(Fatty liver)

(Fatty liver) फैटी लीवर की बीमारी भारत में एक महामारी की तरह

(Fatty liver) नयी दिल्ली !  भारत में फैटी लीवर की समस्या को एक महामारी के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि देश की करीब 30से 40प्रतिशत आबादी इसकी चपेट में हैं।रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर आदि किसी न किसी तरह से लीवर की सूजन से जुड़े होते हैं और इसमें वसा की मात्रा सामान्य से अधिक होती है।

(Fatty liver)  हेपेटोलॉजी विभाग के विरष्ठ प्रोफेसर और लिवर एवं पित्त विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. शिव कुमार सरीन ने भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल(एसोचैम) द्वारा आयोजित ‘केयरिंग फॉर लिवर- प्रिवेंशन एंड मैनेजमेंट’ पर एक वेबिनार में यह बात कही है।

उन्होंने फैटी लिवर और उच्च रक्तचाप और दिल की समस्याओं के बीच संबंध की चर्चा करते हुए कहा, “अगर अल्ट्रासाउंड के जरिए लिवर में ज्यादा वसा जमा होने का पता चलता है तो यह चिंता की बात है।

(Fatty liver)  जिन लोगों का फैटी लिवर है, अल्ट्रासाउंड के माध्यम से पता चला है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स जैसे अन्य संकेतक ठीक रहने पर यह आशंका रहती है कि 10 से 15 वर्षों में वह व्यक्ति मधुमेह, रक्तचाप और हृदय की समस्याओं से पीड़ित होगा।

उन्होंने कहा कि जब लिवर की चर्बी वहां से हटकर धमनियों में जमा हो जाती है तो रक्तचाप और हृदय की समस्याएं पनपती हैं।

उन्होंने चेतावनी दी कि फैटी लीवर मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है। मधुमेह एक यकृत रोग है, जिनके फैटी लीवर हैं, इंसुलिन यकृत में प्रवेश नहीं कर सकता है। ऐसे व्यक्ति में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है।

(Fatty liver)  जिन लोगों के लिवर स्वस्थ हैं, उनके लिए मधुमेह की आशंका कम होगी। यदि किसी व्यक्ति का फैटी लिवर है और एसजीओटी/पीटी भी अधिक है, तो उनके लिए मधुमेह का जोखिम लगभग 5 से 10 गुना ज्यादा है। अगर वह व्यक्ति शराब का सेवन करता है तो समस्या बहुत तेजी से बढ़ती है।

गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट आर्टेमिस हॉस्पिटल्स यूनिट दो , गुुरुग्राम के प्रमुख डॉ. कपिल देव जामवाल ने वेबिनार में बताया कि कैसे लिवर की समस्याएं प्रतिरक्षा को प्रभावित करती हैं और इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण भी बन सकती हैं।

(Fatty liver)  लिवर ऐसे प्रोटीन और इम्युनोग्लोबुलिन के उत्पादन में शामिल होता है जो एंटीबॉडी के निर्माण में मदद करता है। जिन रोगियों में सिरोसिस जैसे गंभीर यकृत रोग हैं, उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर नीचे चला जाता है।

डॉ .सरीन ने लोगों चेतावनी देते हुए कहा कि बाजार में उपलब्ध लिवर की दवाईयों चुनते समय सावधानी बरतने क्योंकि ये नुकसान भी पहुंची सकती हैं।अच्छे लीवर स्वास्थ्य के रखरखाव के लिए कुछ आहार संबंधी सुझाव दिए।

(Fatty liver)  उन्होंने कहा रंगीन सब्जियों से भरा स्वस्थ आहार लेना चाहिए। भोजन में 60-70 प्रतिशत कच्चा भोजन होना चाहिए और उपवास एक उत्कृष्ट लीवर टॉनिक है तथा किसी को भी अपने आहार में बहुत अधिक बदलाव नहीं करना चाहिए। क्योंकि यदि आहार बहुत बार बदलता है फिर आंत के वातावरण को नियमित रूप से समायोजित करना पड़ता है, यह लीवर के लिए हानिकारक होता है।

(Fatty liver)  कम से कम चीनी वाली कॉफी और कम या बिना दूध वाली कॉफी लीवर के लिए अच्छी होती है। इसी तरह हल्दी लीवर के लिए बहुत फायदेमंद है और अखरोट भी। खाना पकाने के लिए सरसों का तेल सेहतमंद होता है।

डॉ. सरीन ने लीवर की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए व्यायाम के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फैटी लीवर के रोगियों को दो प्रकार के व्यायाम करने पड़ते हैं , एरोबिक व्यायाम और प्रतिरोध व्यायाम।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU