Editor-in-Chief -प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से – पेंशन का टेंशन

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– Editor-in-Chief – सुभाष मिश्र

छत्तीसगढ़ में लगातार आंदोलन का सिलसिला जारी

देश में पुरानी पेंशन योजना का मामला एक बार फिर गरमा गया है। रिजर्व बैंक ने कुछ राज्यों द्वारा अपनाई जाने वाली पुरानी पेंशन योजना को वापस लेने को लेकर आगाह किया है और कहा है कि यह उनके राजकोष के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा कर सकता है। इस पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है। वहीं इसको लेकर छत्तीसगढ़ में लगातार आंदोलन का सिलसिला जारी है। छत्तीसगढ़ में अधिकारी-कर्मचारियों के सामने पुरानी पेंशन योजना और नवीन पेंशन योजना को लेकर दुविधा की स्थिति निर्मित है। ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि ओपीएस का विकल्प चुनें या फिर एनपीएस में ही यथावत बने रहें। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा जारी दिशा निर्देश के कुछ बिंदुओं पर भी अधिकारी-कर्मचारियों को आपत्ति है।
पुरानी पेंशन और नई पेंशन में कई अंतर हैं। एनपीएस में कर्मचारियों की सैलरी से 10फीसदी की कटौती की जाती है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी। एक तरफ जहां पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ की सुविधा होती थी, वहीं नई स्कीम में इसकी सुविधा नहीं है। पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायर होने के समय सैलरी की आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी, जबकि नई पेंशन योजना में आपको कितनी पेंशन मिलेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
दोनों में सबसे बड़ा अंतर यह है कि पुरानी पेंशन योजना एक सुरक्षित योजना है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है। नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जिसमें आपके द्वारा एनपीएस में लगाए गए पैसे को शेयर बाजार में लगाया जाता है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। अगर बाजार में मंदी रही तो एनपीएस पर मिलने वाला रिटर्न कम भी हो सकता है।
अप्रैल 2005 के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की केंद्र सरकार ने नियुक्तियों के लिए पुरानी पेंशन को बंद कर दिया था। यूनियन का मानना है कि उस वक्त कर्मचारी इस नई पेंशन योजना को समझ नहीं पाए, उन्हें ऐसा लगा था, जैसे यह योजना सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें पुरानी पेंशन योजना से ज्यादा फायदा देगी, लेकिन ये भ्रम टूटा और पिछले कई सालों से नई पेंशन योजना का विरोध शुरू हो गया। हालांकि पुरानी पेंशन योजना में किसी प्रकार का कोई टैक्स बेनेफिट नहीं हासिल होता है। जबकि नई पेंशन योजना में कर्मचारी आयकर की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये और 80सीसीडी (1बी) के तहत अन्य निवेशों पर 50,000 रुपये तक की टैक्स छूट हासिल की जा सकती है।
कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़ के साथ ही झारखंड और पंजाब ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की घोषणा की है। इन राज्यों ने केंद्र से एनपीएस के तहत कर्मचारियों की जमा राशि को राज्य सरकारों को लौटाने की मांग की है। इस मांग को पीएफआरडीए ने कानूनी प्रावधानों की बात कहते हुए मना कर दिया है और कहा है कि कर्मचारियों के जमा धन को राज्य सरकार को सौंपना संभव नहीं है। एक तरफ पेंशन को लेकर केन्द्र और राज्य के बीच टकराव की स्थिति है, वहीं कई अन्य मुद्दों पर राज्य में कर्मचारी संगठन आंदोलन के मूड में हैं। ऐसे में विभिन्न दफ्तरों में कामकाज पर भी असर पड़ता नजर आ रहा है।

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