(Shrikant Verma’s story ‘Duphar’) श्रीकांत वर्मा जी की ‘दुपहर’ कहानी का नाट्य मंचन

(Shrikant Verma's story 'Duphar')

(Shrikant Verma’s story ‘Duphar’) श्रीकांत वर्मा जी की ‘दुपहर’ कहानी का नाट्य मंचन

कथासार :


(Shrikant Verma’s story ‘Duphar’) बिगुल और कप्तान दो लड़के हैं जो स्कूल से छुट्टी मारकर भाग निकले हैं। कप्तान एक ऐसा लड़का है जो पाँचवी कक्षा में दो बार फेल हो चुका है। उससे कम उम्र का बिगुल अब उसकी कक्षा में आ गया है। कप्तान उसका असली नाम नहीं है। वह सबसे पीछे की पंक्ति में बैठता है। वह निडर है, उद्दंड भी उसका मन हमेशा स्कूल के बाहर ही भागता है। उसे हर शिक्षक से डाँट और मार पड़ती है, मगर वह रोता बिल्कुल नहीं। इसीलिए उसके सहपाठी उसे कप्तान पुकारते हैं। बिगुल भी कप्तान को अपना हीरो मानता है।

(Shrikant Verma’s story ‘Duphar’) वह कप्तान से दोस्ती करना चाहता है। आज कप्तान बिगुल को स्कूल से भगाकर ले आया है। बिगुल में बहुत सारी झिझक और डर है। उसने स्कूल से आगे की दुनिया कभी देखी ही नहीं। यही वजह है कि उसे कप्तान का साथ अच्छा लगता है और उसमें आत्मविश्वास भर उठता है। बिगुल नदी देखना चाहता है। कप्तान उसे खेतों, टीलों, मंदिरों और क़ब्रिस्तान के रास्ते नदी तक ले जाता है। बिगुल के सामने अब एक नदी है, जिसे जीवन में पहली बार वह देख रहा है।

धीमे धीमे बहती, गुनगुनाती, हवा के संग खेलती नदी । वह मंत्रमुग्ध सा खड़ा उसे देखता रह जाता है। तभी कप्तान पानी में कूद पड़ता है। बिगुल उसे पुकारता रहता है। जैसे वह ख़ुद को ही पुकार रहा हो। यह कहानी बचपन और किशोरावस्था की मन:स्थितियों के रोचक अनुभव दिखा है।

पात्र परिचय :
1. कप्तान : शुभम कटियार
2. बिगुल : रुद्राक्ष भायरे

गिटारिस्ट : स्नेह विश्वकर्मा
गीत, गायक व संगीत निर्देशन : निरंजन कार्तिक
 तकनीकी सहायक व प्रस्तुति व्यवस्थापक : अंकित पारोचे
 अभिनय प्रशिक्षण व सहायक निर्देशक : श्वेता केतकर
 प्रकाश परिकल्पना, नाट्य रूपांतरण व निर्देशक : सौरभ अनंत
 प्रस्तुति : विहान ड्रामा वर्क्स, भोपाल

 

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