District Hospital लाल के खोने के गम में दुखी मां ने जिला अस्पताल पर लगाए गंभीर आरोप

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District Hospital इंजेक्शन लगाने के बाद बच्चा कैसे मरा

District Hospital जिला अस्पताल में बुखार के इलाज के दौरान अबूझमाड़ के 4 वर्षीय बच्चे की मौत

तेज बुखार और शरीर में झटका आने के कारण उल्टी होने और स्वास नली में फसने के कारण हुई मौत – सिविल सर्जन

District Hospital नारायणपुर – नारायणपुर जिले के जिला अस्पताल में आज शाम को अबूझमाड़ के कोडली हतलानार की महिला के 4 वर्षीय बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो जाने पर पीड़ित महिला ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए 2 घंटे तक अस्पताल के सामने बच्चे का शव गोद में रखकर रोती रही और अस्पताल के लोगो को कोसती रही ।

District Hospital पीड़ित महिला और उसके पति का कहना है कि बच्चे को बुखार था जिला अस्पताल लाए बच्चा ठीक हो जायेगा बोले , बल्ड टेस्ट किए बोले मलेरिया नही है बच्चा ठीक हो जायेगा डाक्टर बोले ।

इंजेक्शन लगाने के बाद बच्चा कैसे मरा – पीड़ित मां

दोपहर तक बच्चा ठीक था खाना भी खाया , दोपहर को डाक्टर इंजेक्शन लगाए जिसके थोड़े देर के बाद बच्चा की मौत हो गई , जब बच्चा ठीक था तो इंजेक्शन लगाने से क्यों मर गया ।

District Hospital अस्पताल वाले मेरे बच्चे को मार दिए है झाड़ फूंक कराते थे तो हमारा बच्चा ठीक रहता था । अस्पताल में अच्छा इलाज होगा बोलकर लाए और मेरे बच्चे को मार डाला ।

वही सिविल सर्जन विनोद भोयर ने बताया कि ओरछा विकासखण्ड के कोडोली निवासी श्री सामलाल के 4 वर्षीय पुत्र को 3-4 दिन से बुखार और बार बार उल्टी हो रहा था। जिसके उपचार हेतु उसके परिजन आज सुबह 11.30 बजे जिला अस्पताल में लाकर भर्ती किये।

बच्चे की मां ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप

इलाज के दौरान भी बच्चे को बार-बार उल्टी हो रहा था और तेज बुखार के कारण झटके आ रहा था। बच्चे का उपचार मेडिकल SOP के तहत किया गया। बच्चे को तेज बुखार के कारण अचानक झटका आने लगा, जिसे ठीक करने दवाई दी गयी।

District Hospital झटके के कारण उल्टी सांस के नली में जाने के कारण बच्चे की हालत और खराब हो गयी और दिल की धड़कन और सांस रुक गयी। हालत को देखते हुए बच्चे का CPR किया गया एवं जीवन रक्षक दवाईया दी गयी किंतु बच्चे को अथक प्रयासों के बाद भी बचाया नही जा सका, दोपहर 3.30 को मृत्यु हो गयी।

District Hospital परिजन को लगता है कि इलाज में लापरवाही है तो पीएम करवा सकते है और प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर भी करा सकते है ।

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