Dhamtari news today सरकार के फैसले के विरुद्ध अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन, पटवारी को नामांतरण एवं बटवारा का अधिकार दिए जाने का विरोध

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Dhamtari news today सरकार के फैसले के विरुद्ध अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन 


Dhamtari news today धमतरी – कलेक्ट्रेट में अधिवक्ताओं का एक समूह कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपा गया जिसमें तहसीलदार से नामांतरण एवं बटवारा का अधिकार खत्म करते हुए पटवारी को नामांतरण एवं बटवारा का अधिकार दिए जाने के विरोध में कलेक्टर परिसर में पहुंचकर जिला बार काउंसिल के अध्यक्ष सुश्री पार्वती वाधवानी तथा अन्य अधिवक्ताओं के साथ कलेक्टर परिसर में पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन दिया ।

Dhamtari news today  जिसमें मांग की तहसीलदार को नामांतरण एवं बटवारा का अधिकार हटाते हुए पटवारी को नामांतरण एवं बटवारा का अधिकार देने का घोर विरोध जताया तथा उक्त फैसले को वापस लिए जाने एवं तहसीलदार के अधिकार को पुनः यथास्थिति रखने की मांग की । मांग पूरा नहीं होने पर प्रदेश स्तरीय अधिवक्ता आंदोलन पर बाध्य होंगे।

Dhamtari news today  बार काउंसिल अध्यक्ष ने बताया कि पटवारी को पूर्ण रूप से नामांतरण व बटवारा का अधिकार दिए जाने पर विधि सम्मत नहीं है जिसका हम विरोध करते हैं उन्होंने आगे बताया कि प्रभावशाली लोग लोग अपना प्रभाव दिखा कर पटवारी से गलत नामांतरण करवा सकते हैं जिससे आने वाले समय में स्थिति खराब होने होने की आशंका बनी रहेगी। आगे चर्चा करते हुए। बताया कि ।

अधिवक्ताओं द्वारा राजस्व न्यायालय में व्यवसाय कर रहे।पक्षकार के हित में कार्य करके राजस्व न्यायालय नियमानुसार प्रस्तुत करके नामांतरण में मुख्यरूप से नामांतरण एवं बटवारा का मुखय कार्य होता है।

Dhamtari news today  ऐसे में राजस्व न्यायालय में व्यवसायरत अधिवक्ताओं के हितों पर विपरीत प्रभाव पडेगा। क्योंकि हल्का पटवारी अनेकों काम के सिलसिले में तहसील कार्यालय में उपस्थित नहीं रहते। जिससे पक्षकारों को असुविधा होती है। तथा प्रभावशाली व्यक्ति अपने प्रभाव का प्रभाव दिखा कर गलत तरिके से नाम जुडवा एवं बटवारा करा सकता है।उन्होंने आगे बताया कि।
सिविल न्यायालय तथा उच्च न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं डिग्री निष्फल होने की संभावना है ।इस कारण यह परिपत्र पूर्णतः अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों के साथ अन्याय होने संभावना है।

Dhamtari news today  उन्होंने आगे कहा कि अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों के हित में उक्त परिपत्र को राज्यशासन वापस लेवे एवं पूर्व की भांति नामांतरण एवं बटवारा को संहिता के प्रावधान के अनुसार राजस्व न्यायालय में पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं के माध्यम से प्रस्तुत आवेदन का निराकरण करने का अधिकार राजस्व न्यायालय को दिया जावे।

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