Bhatapara City :  भाटापारा शहर में  मिलती है हर तरह के अपराधियों को अपराध की छूट व्यवस्था?

Bhatapara City :

राजकुमार मल 

 

भाटापारा शहर में  मिलती है हर तरह के अपराधियों को अपराध की छूट व्यवस्था?

Bhatapara City भाटापारा !  मदद यह शब्द नही मिलते। उम्मीद मत रखिए सहयोग मिलने की। भूल जाइए शिकायत करने की बात। आपात स्थितियों में पड़ोसियों या राहगीरों पर ही भरोसा करना ठीक होगा।

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जी हां, यह हमारी भाटापारा पुलिस है, जिसका कुछ ऐसा ही हाल बना हुआ है। भरोसा नही है शहर को, बेहतर व्यवस्था की। जिस शहर की पुलिस का हाल ऐसा हो वहां की स्थिति सहज ही जानी जा सकती है।

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सहयोग इनको

 

Bhatapara City अवैध शराब का रोज पकड़ा जाना। जुआ-सट्टा के प्रतिदिन आते मामले। क्यों नही पहुंचते पुलिस के हाथ सरगना तक? सवाल इसलिए उठाया जा रहा है कि कहीं ‘इनका’ साथ ‘उनको’ तो नहीं मिल रहा है? बढ़ती चोरी की घटनाओं को लेकर सुस्त कार्रवाई से अब ऐसे तत्व बेखौफ घटनाओं को अंजाम दे रहें हैं।

हर महीने होती है लाखों की उगाही, व्यवस्था?

Bhatapara City दौर है आईपीएल का पर पकड़े जाते हैं कुछ चुनिंदा लोग जो कि ऊपरी स्तर के हैं। लाखों का सट्टा रोज चलता है। मुख्य सरगना तक अभी तक पहुंच नहीं बना पाई व्यवस्था? आखिर ऐसा होता क्यों है? हमेशा सिर्फ कुछ लिखने वाले लोग या पकड़े जाते हैं सिर्फ डॉट पेन या कुछ मोबाइल और लिखा हुआ कागज साथ ही कुछ चिल्हर। इसके आगे आज तक नहीं बढ़ पाई व्यवस्था।
क्या यह व्यवस्था ऊपर तक बनाई हुई हैं ?

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Bhatapara City :
Bhatapara City :  भाटापारा शहर में  मिलती है हर तरह के अपराधियों को अपराध की छूट व्यवस्था?

Bhatapara City मॉडीफाई सायलेंसर। प्रेशर हार्न। तेज गति से वाहन चालन। अवयस्कों द्वारा दोपहिया का चलाया जाना। आम नजारे हैं। जहां ऐसी गतिविधियां दैनंदिनी में देखी जाती हैं, वहां छेडख़ानी की शिकायतों का मिलना स्वाभाविक है।

कभी कार्रवाई नही होती या नही की जाती शहर में । चालानी कार्रवाई में ऐसे लोगों को छोड़ा जाता, शहर खूब देख रहा है।अवस्थित यातायात जहां देखो गाड़ीयों का जमावड़ा दिखता है रोड में गाड़ीयां खड़ी रहती है जिसके चलते सफाई नही हो पाती

इसलिए शिकायत नहीं

 

Bhatapara City मदद या सहयोग जैसे शब्द शहर पुलिस के शब्दकोष में नहीं मिलेंगे। सहयोग की उम्मीद करना बेकार होगा।आपात स्थिति में पड़ोसी पर ही भरोसा करना सही होगा। इन सबके बावजूद कोई फरियादी भूले से थाना पहुंच जाता है, तो शिकायत तो ली जाती है लेकिन रिसिविंग नही मिलती। सहज ही जाना जा सकता है शिकायत पत्र कहां होगा ?

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