Basic education campaign नवाचारी शिक्षा को दिया जाएगा बढ़ावा
Basic education campaign जगदलपुर। भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय के निपुण भारत मिशन’ को आदर्श मानते हुए पिरामल फाऊंडेशन और जिला प्रशासन बस्तर के संयुक्त तत्वाधान से ‘बुनियादी शिक्षा अभियान’ का शुभारंभ किया गया। निपुण भारत मिशन के तहत कक्षा तीसरी तक के बच्चों की पठन एवं गणितीय कौशल में विकास के लिए शिक्षा के क्षेत्र में किए जाने वाले प्रयास में पिरामल फाउंडेशन के द्वारा योगदान दिया जा रहा है।
Basic education campaign इस कार्यक्रम में जिला कलेक्टर चन्दन कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास, जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती प्रधान, राजीव गांधी शिक्षा मिशन समन्वयक अखिलेश मिश्रा, सभी विकासखण्डों के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, डायट प्रधान पाठक सुषमा झा, जिले के सभी संकुल शैक्षिक समन्वयक और पीरामल फाऊंडेशन की टीम उपस्थित रही। पीरामल के प्रोग्राम लीडर योगेश कुमार, फेलो जया पांचाल और प्रज्ञा कुर्डुकर, अक्षय कदम, अक्षत राजपूत ने बुनियादी शिक्षा अभियान के बारे में जानकारी दी।
Basic education campaign जिले के चयनित 266 डेमो विद्यालयों में किस तरह से काम किए जाऐंगे जिससे विद्यार्थी तेजी से सिख सकें , इसके संबंध में भी जानकारी दी गई।
Basic education campaign इस मौके पर उपस्थित बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने टाउन हॉल में उपस्थित लोगों से कहा कि, “कोविड के दौरान शिक्षा प्रभावित हुई है, पर अब समय शिक्षा में हुई कमियों को पहचान कर शिक्षा को गति देने का है।
Basic education campaign उन्होंने विकास मनोविज्ञान पर बात करते हुए कहा, “हर एक बच्चे का एक लक्ष्य निर्धारित होता है, बच्चे के असेसमेंट से यह पता चलता है कि, उस बच्चे का लक्ष्य क्या है। बच्चों से सवाल कीजिए, बात कीजिए। शिक्षक बच्चों से जितनी बात करेगा उतना ही बच्चे सीखेंगे।” स्कूलों के इंफ्रास्टक्चर को लेकर उन्होंने कहा कि, “सिर्फ अच्छा शिक्षक, सीखने को उत्सुक बच्चे और शिक्षा ही जरूरी है।
Commissioner Dhawade कमिश्नर धावड़े ने बीजापुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा
Basic education campaign शिक्षकों को प्रेरित होकर बच्चों के पढ़ाना होगा तभी हम शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कर पाएंगे।” किताबों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग, खेल-खेल में शिक्षा और छोटी-छोटी प्रयोगात्मक शिक्षा के बारे में भी कलेक्टर ने बात की। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास ने कहा कि, “कोविड के दौरान बच्चों को जो नुकसान हुआ है उसे ठीक करने की जिम्मेदारी हम सभी की है। और पिरामल फाउंडेशन के साथ इस जिम्मेदारी को हमें निभाना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अधोसंरचनाओं की कमियों को जिला प्रशासन दूर करने की अपनी पूरी कोशिश करेगा। शिक्षा के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हमें आने वाले सालों में शिक्षा के तय लक्ष्यों को पूरा करना होगा।
Basic education campaign कार्यक्रम में यह बताया गया कि कोविड के बाद से शिक्षा में बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए बच्चो को खेल, चित्रों, पुस्तकों में रंग बिरंगी चित्रों के माध्यम से पढ़ाई में उनकी रुचि बढ़ाने का प्रयास पीरामल के फेलोज द्वारा किया जा रहा है।
इस अभियान के तहत जिले के 266 क्लस्टर्स के डेमोन्स्ट्रेशन स्कूल्स में स्वयंसेवी संस्था, पंचायत सदस्य और युवा स्वयंसेवकों के माध्यम से पहली से पांचवीं के छात्रों के बुनियादी और संख्यात्मक शिक्षा के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा |