Threat of Cyber ​​Crime : साइबर क्राइम का खतरा : साइबर सुरक्षा का नया दौर, युवा बनेंगे अब डिजिटल योद्धा

Threat of Cyber ​​Crime

Threat of Cyber ​​Crime : साइबर सुरक्षा का नया दौर, युवा बनेंगे अब डिजिटल योद्धा

Threat of Cyber ​​Crime : बिलासपुर। डिजिटल युग में साइबर क्राइम का खतरा तेजी से बढ़ गया है। मिनटों की गलती से आमजन अपनी जीवनभर की कमाई साइबर ठग के झांसे में आकर खो दे रहे हैं। बड़े नगरों से लेकर गांवों तक आनलाइन क्राइम ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में अब साइबर सिक्योरिटी व साइबर ला के फील्ड में करियर बनाने वाले युवाओं की मांग बढ़ती जा रही है। वे डिजिटल योद्धा बनकर नागरिकों की सुरक्षा करने में सक्षम होंगे।

Threat of Cyber ​​Crime :  साइबर ठग पूरी तैयारी के साथ घटना को अंजाम देते है। इसके लिए वे हैकिंग के जरिए व्यक्तिगत जानकारी चुराकर उसका दुरुपयोग करते है। जैसे कि बैंक अकाउंट से पैसे निकालना या अन्य वित्तीय धोखाधड़ी की घटना को अंजाम देना शामिल है। इसके साथ ही लोग रैनसमवेयर का भी शिकार होते है, यानी इसमें अपराधी उपयोगकर्ता के डेटा को एन्क्रिप्ट कर देते हैं और फिर उसे डिक्रिप्ट करने के लिए फिरौती की मांग करते हैं। साइबर सिक्योरिटी व साइबर ला के छात्रों का कहना है कि इन घटनाओं से बचने के लिए अवांछित ईमेल, संदेश या काल जो विज्ञापन, धोखाधड़ी या हानिकारक लिंक को बिना जांच किए उस पर क्लिक न करें। आनलाइन लेन-देन के माध्यम से लोगों को धोखा दिया जाता है। जैसे कि फर्जी वेबसाइट्स पर खरीदारी करवाना या नकली विज्ञापन दिखाकर पैसे ऐंठने का खतरा काफी बढ़ गया है। इससे बचने के लिए साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि अपने सभी आनलाइन खातों के लिए मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड बनाएं। इसमें पासवर्ड में अक्षर, संख्याएं और विशेष चिन्हों का मिश्रण होना चाहिए। वहीं कंप्यूटर, स्मार्टफोन और अन्य डिवाइस के साफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें। सुरक्षा पैच और अपडेट आपके डिवाइस को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।

 

ऐसे ले सकते है एडमिशन

साइबर सिक्योरिटी के फील्ड में अगर करियर बनाने चाहते है तो अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर द्वारा आवेदन आठ जुलाई तक आमंत्रित किए गए है। विश्वविद्यालय विद्यापरिषद की 19 जून 2019 में हुए बैठक में ड्यूअल डिग्री प्रोग्राम के अंतर्गत फैसला लिया गया है कि कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन विभाग द्वारा छह माह की अवधी में सर्टिफिकेट परीक्षा लिया जाएगा। इसके लिए फील्ड में रुचि रखने वाले छात्र आवेदन करना शुरू कर चुके हैं।

 

पुलिस भी दिखा रही पाठ्यक्रम में रुचि

साइबर सिक्यूरिटी व साइबर ला में कालेज के छात्र ही नहीं बल्कि पाठ्यक्रम में पुलिस विभाग के कई कर्मचारियों ने प्रवेश लिया है। इसके साथ ही यहां से शिक्षा प्राप्त कर प्रदेश के विभिन्न जिलों में साइबर सेल में पदस्थ होते होकर अपनी सेवाएं दे रहे है। पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर रहे पुलिस जवानों का कहना है कि साइबर ठग से बचने के लिए सबसे पहले अपने महत्वपूर्ण डाटा का नियमित रूप से बैकअप बनाएं। इससे डेटा चोरी या नुकसान की स्थिति में आपके पास उसकी प्रतिलिपि होगी। इसके साथ ही केवल सुरक्षित और विश्वसनीय वेबसाइटों पर ब्राउज का उपयोग करना चाहिएं।

निजी जानकारी साझा करने से बचें

 

इंटरनेट मीडिया की बढ़ती लोकप्रियता के बीच लोग अपना निजी जानकारी भी इसमें शेयर करने लगे है। जबकि ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि पता, फोन नंबर या जन्मदिन, साझा न करें। यह जानकारी अपराधियों द्वारा दुरुपयोग की जा सकती है। इसके साथ ही अज्ञात स्रोतों से आए ईमेल, लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें। फिशिंग हमलों से बचने के लिए हमेशा ईमेल भेजने वाले की पहचान की पुष्टि करें।

वर्जन

 

साइबर अपराधी नवीन तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग भी साइबर अपराध के लिए कर रहे है। जिससे हमें सावधान रहने की जरूरत है। युवाओं के भविष्य निर्माण को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा साइबर सिक्यूरिटी व साइबर ला विषय पर स्नातकोत्तर प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम आरंभ किया गया है।

डा.एचएस होता

विभागाध्यक्ष,कंप्यूटर साइंस एवं एप्लीकेशन विभाग

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय

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