Public interest litigation filed in High Court : केवल कागजों में सिमट कर रह गई रिवाइवल प्लान,सरकार खरीदेगी 5 एकड़ जमीन

Public interest litigation filed in High Court :

Public interest litigation filed in High Court : अरपा नदी को जीवंत बनाने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

 

The revival plan remained confined to papers only, the government will buy 5 acres of land

 

 

Public interest litigation filed in High Court : बिलासपुर । जिले की जीवनरेखा अरपा नदी में शहर और आसपास के गटर के करीब 130 MLD गंदा पानी रोज बहाया जा रहा है। इस नदी को संवारने और संरक्षित करने के लिए जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने रिवाइवल प्लान बनाने के आदेश दिए थे, जिस पर अब तक अमल नहीं किया जा सका है। शासन की यह योजना केवल कागजों में सिमट कर रह गई है।

अब सरकार ने नदी के उदगम स्थल पर पांच एकड़ जमीन खरीदी करने का प्लान बनाया है। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने गंदा पानी रोकने नगर निगम की कार्ययोजना को लेकर विस्तार से जानकारी देने का निर्देश दिया है। अब प्रकरण की सुनवाई अगले माह होगी।

 

अरपा नदी को जीवंत बनाने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

 

 

Public interest litigation filed in High Court :दरअसल, अरपा नदी को जीवंत बनाने, उद्गम के संरक्षण और शहर में उसे गटर से मुक्त कराने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसके साथ ही नदी में रेत उत्खनन रोकने के लिए भी हाईकोर्ट में जनहित याचिका प्रस्तुत की गई है।

पिछले लंबे समय से हाईकोर्ट में प्रकरण की सुनवाई चल रही है। तब हाईकोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी बनाई थी। कमेटी ने अरपा रिवाइवल प्लान प्रस्तुत कर दिया है, इसमें बताया गया है कि अरपा को पुनर्जीवित करने 20 योजनाएं बनाई गई हैं, जिनके पूरा होने पर अरपा में सालभर पानी रहेगा।

2 साल पहले बना था रिवाइवल प्लान अरपा को प्रदूषण मुक्त करने, नदी के संरक्षण संवर्धन की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दो साल पहले जल संसाधन विभाग ने अरपा रिवाइवल प्लान तैयार

किया था। लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाया है। इसमें अरपा पर 20 सिंचाई योजनाओं के जरिए 12.292 मिलियन घनमीटर जल संवर्धन का दावा किया गया था।

अरपा के उद्गम क्षेत्र के सभी ट्यूबवेल बंद कर खुज्जी बांध के पानी को शुद्ध कर शहरवासियों को सप्लाई करने 18 करोड़ की योजना बनाई गई। इस दिशा में प्रक्रिया चालू होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, रिवाइवल प्लान केवल कागजों में सिमट कर रह गया है।

बैराज बनाया लेकिन गंदा पानी रोकने की योजना पर अमल नहीं

 

जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि शहर के आसपास अरपा नदी की पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो गई है। यहां शहर व आसपास के गटर के गंदा पानी को छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते अरपा नदी में रोज 130 MLD गंदे पानी की निकासी हो रही है।

 

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर काम चल रहा

 

 

जल संसाधन विभाग ने अरपा नदी में बाहरमासी पानी रहे इसके लिए शहर के बीच पचरी घाट और शिव घाट में दो बैराज बनाया है, जो लगभग पूरा हो गया है। लेकिन, नदी में प्रदूषित और मलयुक्त पानी की निकासी रोकने के लिए अब तक कोई इंतजाम नहीं किया गया है। अरपा में प्रदूषण रोकने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर काम चल रहा है, लेकिन यह अभी अधूरा है।

 

शासन ने जवाब में कहा- उदगम स्थल पर पांच एकड़ जमीन खरीदने की है योजना

 

इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अरपा तट संवर्धन कमेटी की 15 मई को हुई बैठक की रिपोर्ट और पूरी जानकारी प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया था। लेकिन, बुधवार को जब केस की सुनवाई हुई, तब शासन की तरफ से जवाब दिया गया कि अरपा के उदगम स्थल पर पांच एकड़ जमीन खरीदी करने की योजना है, जिस पर प्रक्रिया चल रही है।

 

Mega placement camp : मुख्यमंत्री के निर्देश पर आयोजित मेगा प्लेसमेंट कैंप को मिला अच्छा प्रतिसाद

यह जमीन वन विभाग से ली जाएगी। इसके लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस पर डिवीजन बेंच ने नदी में छोड़े जा रहे गन्दे पानी को रोकने के लिए निगम की योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी देने का निर्देश दिया है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU