छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में एक उंट को घायल अवस्था में सड़क पर छोड़ दिया था और उंठ का पैर टूट कर लटक गया था . यह उंट वन विभाग राजनांदगांव में रखवाया गया लेकिन सही देख भाल और इलाज नहीं मिलने के वजह से इसे रायपुर के वाटिका एनिमल सेंचुरी ला कर इलाज शुरू किया गया .
7 घंटो तक चला ऑपरेशन
भिलाई के जाने माने पशु चिकित्सक डॉ जसमीत सिंह द्वारा उंट के पैर का ऑपरेशन हुआ जिसमें उंट का पैर काट कर अलग किया गया है.4 डॉक्टर की टीम ने लगातार 7 घंटो तक ऑपरेशन कर उंट की जान बचाई. टीम में डॉ जसमीत सिंह, डॉ अविनाश मिरे, डॉ तुशांत रामटेके, डॉ लक्षिवी कुर्रे मौजूद थे.
डॉ जसमीत ने बताया कि उंट की यह हालत मालिक की लापरवाही से हुई लगती है. इलाज सही समय पर नहीं होने से गंगेरीन बन जाता. उंट की त्वचा बहुत मोटी होने से ऑपरेशन कठिन होता है और पोस्ट केयर भी कई महीनों की लग सकती है. कुछ दिनों में प्रोस्थेटिक पैर लगा कर उंट को चलाया जा सकता है.
एनिमल वाटिका की संचालिका कस्तूरी बल्लाल ने बताया कि पहले भी कई उंट उनके शेल्टर इलाज के लिए लाए हुए है, और कुछ को उन्होंने स्वस्थ कर के राजस्थान भेजा है. इस उंट का नाम सुल्तान रखा गया है, यह तीन पैरों में नहीं चल सकता इसलिए नकली पैर लगवाने की कोशिश जारी है .
पशुओं के बने कानूनों का पालन नहीं :
राज्य में पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण करने के लिए कानून का पालन बहुत कम होने के वजह से लोगों के पशुओं पर अपराध करने के पहले सोचते नहीं है. उंट के लिए छत्तीसगढ़ का वातावरण सही नहीं है. न तो रेतीली जमीन है और ना ही उचित जलवायु.
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उंट के इलाज में सहयोग करने के लिए संस्था से संपर्क कर सकते है 7225888800