(Test batsman Cheteshwar Pujara) 100वें टेस्ट से खुश हूं, पर हासिल करने को बहुत कुछ बाकी : पुजारा

(Test batsman Cheteshwar Pujara)

(Test batsman Cheteshwar Pujara) सोचा नहीं था कि मैं 100 टेस्ट खेलूंगा

(Test batsman Cheteshwar Pujara) नयी दिल्ली ! भारत के अनुभवी टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने अपने 100वें टेस्ट से पहले गुरुवार को कहा कि वह इस उपलब्धि से खुश हैं, लेकिन अब भी उनके पास हासिल करने के लिये बहुत कुछ बाकी है।
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(Test batsman Cheteshwar Pujara) पुजारा से पहले सिर्फ 12 भारतीय क्रिकेटरों ने 100 टेस्ट खेले हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 73 खिलाड़ी यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। पुजारा जब दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम पर शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध दूसरा टेस्ट खेलने उतरेंगे तो वह खेल के सबसे लंबे प्रारूप में उनका 100वां मैच होगा।

पुजारा ने मैच की पूर्व संध्या पर यहां संवाददाताओं से कहा, “ मैंने हमेशा आज पर ध्यान दिया है। मैंने जब क्रिकेट खेलना शुरू किया तब नहीं सोचा था कि 100 टेस्ट खेलूंगा। आप अपने करियर में हमेशा उतार-चढ़ाव से गुजरते हैं जिनसे आपको लड़ना होता है। मेरा ध्यान हमेशा अपने प्रदर्शन पर केंद्रित रहा, और 100 टेस्ट पूरे हो गये।”

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(Test batsman Cheteshwar Pujara) 100वें टेस्ट से खुश हूं, पर हासिल करने को बहुत कुछ बाकी : पुजारा

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उन्होंने कहा, “ यह मेरे साथ-साथ मेरे परिवार के लिये भी बड़ी उपलब्धि है। इस सफर में मेरे पिता ने मेरा साथ दिया है। मेरी पत्नी ने भी लगातार मेरा समर्थन किया। वे कल यहां मैच देखने के लिये होंगे। हम सब इससे काफी खुश हैं लेकिन अभी हासिल करने के लिये बहुत कुछ बाकी है।”

(Test batsman Cheteshwar Pujara) पुजारा को अपने सुसज्जित करियर में कई बार इस ‘उतार-चढ़ाव’ का सामना करना पड़ा। पुजारा को जहां 2018 में इंग्लैंड दौरे के पहले टेस्ट से बाहर रहना पड़ा, वहीं पिछले साल श्रीलंका के विरुद्ध खेली गयी टेस्ट सीरीज के लिये भी उन्हें टीम में जगह नहीं दी गयी। पुजारा ने कहा कि उन्होंने हमेशा इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए अपने खेल पर विश्वास बरकरार रखा।

उन्होंने कहा, “ इतने लंबे समय तक क्रिकेट खेलना चुनौतीपूर्ण होता है। आपके लिये मानसिक रूप से मजबूत रहना सबसे जरूरी है। आपको खुद पर विश्वास होना चाहिये, आपको पता होना चाहिये कि आप किस तरह के खिलाड़ी हैं और खुद पर भरोसा करना चाहिये। मैंने हमेशा यही किया।

पिछले कुछ सालों में मैंने अपनी विशेषताओं पर काम करने की कोशिश की। मुझे पता था कि अगर मैं पांच-सात वर्षों में कुछ करके सफल रहा हूं तो मुझे उस पर ही रहना होगा। मैं अपना खेलने का तरीका नहीं बदल सकता। आप हमेशा कुछ चीजें जोड़ सकते हैं, लेकिन पूरी तरह अपने खेल को नहीं बदल सकते।”

(Test batsman Cheteshwar Pujara) टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज पुजारा को जब पिछले साल टीम से बाहर किया गया तो उन्होंने इंग्लैंड की काउंटी चैंपियनशिप का रुख किया।

पुजारा ने इंग्लैंड की मुश्किल पिचों पर सफलतापूर्वक अपनी फॉर्म तलाशी और आठ मैचों में 109.40 की औसत से 1094 रन बना डाले।

उन्होंने काउंटी सत्र को यादगार बनाते हुए तीन दोहरे शतक और दो शतक भी जड़े, जिसके बाद इंग्लैंड के विरुद्ध हुए एकमात्र टेस्ट मैच में उन्हें टीम में वापस बुला लिया गया।

पुजारा ने अपने खराब समय के बारे में कहा, “वह समय मेरे लिये चुनौतीपूर्ण था। मैं जानता था कि मुझे इंग्लैंड में एक टेस्ट खेलना है, इसलिये मैंने काउंटी क्रिकेट का रुख करके तैयारी शुरू की।

मैं लगातार राहुल भाई (कोच राहुल द्रविड़) और विक्की पाजी (विक्रम राठौड़) के संपर्क में रहा और उन क्षेत्रों के बारे में बात करता रहा जिनपर मुझे काम करने की जरूरत है।”

पुजारा ने काउंटी क्रिकेट में हिस्सा लेने के लिये आईपीएल नीलामी में भी अपना नाम नहीं दिया था। टूर्नामेंट के 2021 सत्र में चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें खरीदा था, हालांकि 2022 में उन्होंने आईपीएल के ऊपर टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता दी।

उन्होंने कहा, “मैंने आईपीएल में पिछले साल अपना नाम नहीं दिया था। मैं इंग्लैंड में होने वाले टेस्ट की तैयारी के लिये काउंटी खेलना चाहता था।”

योगा, प्राणायाम और मेडिटेशन की सहायता से स्वयं को शान्त रखने वाले पुजारा कई पारियों में अपने अद्वितीय धैर्य का प्रदर्शन कर चुके हैं। वह एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं जिन्होंने किसी टेस्ट पारी में 500 से ज्यादा गेंदें खेली हैं।

पुजारा अपनी कई लंबी पारियों से विपक्षी टीम को पस्त कर चुके हैं, हालांकि उनकी सबसे पसंदीदा पारी वह है जिसमें उन्होंने सिर्फ 72 रन बनाये थे।

पुजारा ने उस यादगार पारी के बारे में कहा, “ अपनी सबसे पसंदीदा पारी चुनना मुश्किल है, लेकिन मुझे अपने अपने पदार्पण पर बनाये गये 72 रन बहुत प्रिय हैं। अगर मैं वह रन नहीं बनाता तो शायद आज भारत के लिये नहीं खेल रहा होता।

इसके अलावा चिन्नास्वामी स्टेडियम में 2017 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेली गयी पारी, विदेशी सरजमीन पर अपना पहला शतक, जो शायद मैंने जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में बनाया था। मुझे ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध गाबा टेस्ट (2021) में खेली गयी 77 रन की पारी भी बहुत प्रिय है।”

एक दशक से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके पुजारा अब भारतीय टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी हैं। भारत अगर ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध जारी टेस्ट सीरीज 3-1 से जीत लेता है तो वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में जगह पक्की कर लेगा।

(Test batsman Cheteshwar Pujara) डब्ल्यूटीसी फाइनल 2021 में भारत को न्यूजीलैंड के हाथों हार मिली थी। लगातार दूसरी बार डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने के लिये भारत को पुजारा से बहुत उम्मीदें होंगी, और वह खुद भी भारत को फाइनल में पहुंचाकर ट्रॉफी जीतने का सपना देखते हैं।

(Test batsman Cheteshwar Pujara) पुजारा ने कहा, “ बेशक ही हम डब्ल्यूटीसी फाइनल जीतना चाहते हैं। हमारे सामने एक सीरीज है, और उम्मीद है कि हम इसे जीतकर डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंच सकेंगे। मेरा सपना है कि मैं इस बार भारत को डब्ल्यूटीसी का खिताब जिताऊं। हम पिछली बार ऐसा नहीं कर सके थे लेकिन उम्मीद है कि इस बार ट्रॉफी उठा सकेंगे।”

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