Supreme Court By Reservation : 58 प्रतिशत आरक्षण से सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे हटना भाजपा की आरक्षण पर प्रतिबद्धता की जीत- श्याम बिहारी जायसवाल

Supreme Court By Reservation : 58 प्रतिशत आरक्षण से सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे हटना भाजपा की आरक्षण पर प्रतिबद्धता की जीत- श्याम बिहारी जायसवाल

Supreme Court By Reservation : 58 प्रतिशत आरक्षण से सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे हटना भाजपा की आरक्षण पर प्रतिबद्धता की जीत- श्याम बिहारी जायसवाल

Supreme Court By Reservation : भाजपा द्वारा लागू 58 प्रतिशत आरक्षण से सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे हटना भाजपा की आरक्षण पर प्रतिबद्धता की जीत- श्याम बिहारी जायसवालआरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत यह भाजपा के संघर्षों की जीत

Supreme Court By Reservation : 58 प्रतिशत आरक्षण से सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे हटना भाजपा की आरक्षण पर प्रतिबद्धता की जीत- श्याम बिहारी जायसवाल
Supreme Court By Reservation : 58 प्रतिशत आरक्षण से सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे हटना भाजपा की आरक्षण पर प्रतिबद्धता की जीत- श्याम बिहारी जायसवाल

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Supreme Court By Reservation : बैकुण्ठपुर। भाजपा जिला कार्यालय बैकुण्ठपुर में आयोजित प्रेसवार्ता के आयोजन में मुख्य वक्ता पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 58 प्रतिशत आरक्षण को बहाल किया। आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का हम अभिनंदन करते हैं।

इस फ़ैसले से न केवल प्रदेश की तात्कालीन भाजपा सरकार के 58 प्रतिशत आरक्षण का फ़ैसला सही साबित हुआ है, बल्कि कांग्रेस जिस तरह इस मामले में दोहरी राजनीति करती रही है, उसका भी पर्दाफ़ाश हुआ है। भाजपा शासन काल में लागू आदिवासियों के 32ः आरक्षण पर कांग्रेसियों द्वारा षड्यंत्र कर हाईकोर्ट में याचिका लगवाकर, अपास्त घोषित

किए गए आरक्षण संशोधन अधिनियम 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया है। यह भाजपा की वैचारिक जीत है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को भी यह समझ लेना चाहिए कि वे संविधान से ऊपर नहीं हैं। सही नीयत से कानुन बनाने पर क्या होता है, यह माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से ज़ाहिर हुआ है। अगर सच में आपकी नीति सस्ती राजनीति से

प्रेरित नहीं बल्कि वास्तव में वंचितों को न्याय दिलाने की होती है, तो सारे संवैधानिक प्रावधानों पर विचार-विमर्श कर क़ानुन बनाया जाता है; जैसा भाजपा सरकार ने बनाया था। इसके उलट केवल समाज में विभेद पैदा करने, ‘बांटो और राज करो’ की नीति के तहत समाज के बीच ज़हर फैला कर अपनी रोटी सेंकना होता है, वह कांग्रेस के कृत्यों से देखा जा

सकता हैं। श्री जायसवाल ने आगे कहा कि जैसा कि हम सब जानते हैं कि कांग्रेस नेता पद्मा मनहर और के पी खांडे आदि ने हाईकोर्ट जा कर आदिवासियों का आरक्षण रुकवाया था। इसी तरह पिछड़े वर्ग को दिए आरक्षण के विरुद्ध कांग्रेस सरकार में ही कुणाल शुक्ला हाईकोर्ट जा कर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को रूकवाया था। कांग्रेस सरकार ने आरक्षण की

मुख़ालफ़त करने का पुरस्कार जहां श्री खांडे को आयोग का अध्यक्ष बना कर दिया, वहीं कुणाल शुक्ला को कबीर शोधपीठ का अध्यक्ष बनाया। ऐसा दोहरा चरित्र केवल कांग्रेस का ही हो सकता है।

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भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल ने कहा कि, आरक्षण के मामले में जब हाईकोर्ट में मामला था, तब भी कांग्रेस ने जान बूझ कर केस को कमजोर किया। कोर्ट में अपना पक्ष सही से नहीं रखा, जिस कारण वह हाई कोर्ट में मुक़दमा हार गयी। इस तरह कांग्रेस ने लगातार वंचित वर्गों से छल किया है।

कांग्रेस हमेशा से न केवल आरक्षण के खिलाफ रही है, बल्कि वह इसपर केवल राजनीति करती रही है। केंद्र में गैर कांग्रेसी भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार ही पिछड़ों को नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान मंडल आयोग के रूप में लेकर आयी थी। भाजपा के समर्थन से ही संयुक्त मोर्चा की सरकार ने सबसे पहले शासकीय नौकरियों में पिछड़ों के

आरक्षण का प्रावधान किया। उस समय कांग्रेस विपक्ष में थी, ज़ाहिर है कांग्रेस तब भी आरक्षण की विरोधी ही थी।
19 सितंबर 2022 को भूपेश सरकार के षड्यंत्र और लापरवाही के कारण हाईकोर्ट से अपास्त आरक्षण अधिनियम का प्रभाव नौकरियों सहित अन्य शिक्षा सुविधाओं पर ना हो

इसके लिए भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने शुरू से संघर्ष किया और भूपेश सरकार पर आंदोलन और पूरे प्रदेश में चक्का जाम कर दबाव बनाया किया कि हाईकोर्ट से अपास्त घोषित आरक्षण पर न्याय केवल सुप्रीम कोर्ट ही दे सकता है। परंतु भूपेश सरकार अपने हठधर्मिता के कारण इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जाने से बचती रही, और तो और जब

अन्य आदिवासी पक्षकार हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नोटिस जारी करवाए तो भूपेश सरकार ने नोटिस का भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया। कांग्रेस के बड़े वकील सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हर बार प्रकरण को आगे की तारीख लेते नजर आए। 19 अप्रैल 2022 को भाजपा अजजा मोर्चा द्वारा

पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरक्षण के मामले को उचित वैधानिक तरीके से सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख कर राहत दिलाने की चेतावनी देते हुए कहा था कि राहत न मिलने पर अजजा मोर्चा विभिन्न आदिवासी संगठनों के साथ रायपुर के शहीद वीरनारायण सिंह जी के बलिदान स्थल जयस्तंभ चौक पर आमरण अनशन करेंगे। इस चेतावनी के बाद

कुंभकर्णी नींद में सोई भूपेश सरकार नींद से जागी और 25अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग का निवेदन किया। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 1 मई को भाजपा शासनकाल के 58ःवाले आरक्षण अधिनियम को स्टे दे दिया।कांग्रेस सरकार अगर कोशिश करती तो सितंबर 2022 को ही यह निर्णय आ सकता था पर आरक्षण के मामले पर कांग्रेस की नीयत में खोट है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मिले इस न्याय से स्पष्ट है कि हाईकोर्ट तक में शासन ने अपना पक्ष बेहतर नहीं रखा। कांग्रेस चाह रही थी कि सरकार किसी तरह हार जाए। इसीलिए उसने क्वांटिफायबल डेटा आयोग की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक नहीं किया है। ऐसे तमाम कृत्यों के कारण कांग्रेस की नीयत पर हमेशा सवाल उठता ही रहेगा।

भाजपा का यह स्पष्ट मानना है कि जान बूझ कर कांग्रेस सरकार आरक्षण का मुक़दमा हारना चाहती थी ताकि एक भी नौकरी नहीं दे पाने की अपनी विफलता पर वह पर्दा डाल सके। इस फैसले से कांग्रेस का नक़ाब उतर गया है। उसका असली चेहरा एक बार और जनता के बीच आया है।

भाजपा यह मांग करती है कि अब ऐसी सभी बहानेबाज़ी को छोड़ कर कांग्रेस सरकार जल्द से जल्द सभी ख़ाली पदों पर पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए भर्तियां शुरू करे। युवाओं के भविष्य से संबंधित ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर किसी भी तरह की हीलाहवाली अब भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी। प्रदेश के युवा भी अब इसे सहन नहीं करेंगे।

भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 58 प्रतिशत आरक्षण लागू किया और कांग्रेस ने उसे छीना ,फिर भाजपा ने पुनः संघर्ष कर सरकार के खिलाफ चक्काजाम ,धरना और हर संभव प्रयास करके आरक्षण लागू करवाया है और छत्तीसगढ़ के लोगो को आरक्षण मिलता रहे भाजपा इसके लिए प्रतिबद्ध है,पुनः सबको बधाई, मा.सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत।

इस प्रेसवार्ता में जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल, पूर्व संभागीय संगठन मंत्री विद्यानचंद्र कर, जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी, जिला महामंत्री विनोद साहू, किसान मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य धनंजय पाण्डेय,जिला कार्यसमिति सदस्य तीरथ राजवाडे़,भाजयुमो जिलाध्यक्ष हितेश सिंह, मंडल अध्यक्ष कुबेर साहू, विधानसभा विस्तारक विश्वनाथ साहू, जिला सह कार्यालय प्रभारी लव रवि, आईटी सेल जिला संयोजक शेख ईरशाद उपस्थित रहे

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