Study : देश में हाइपरटेंशन के 75 फीसदी मरीजों में ब्लड प्रेशर अनियंत्रित, 25 फीसदी युवा दिल के मरीज
Study : भारत में 75% उच्च रक्तचाप के रोगियों का रक्तचाप अनियंत्रित होता है। इसके कारण वयस्कों में हृदय रोगों और मौतों की संख्या अधिक है। वहीं, एक चौथाई से भी कम मरीजों में यह बीमारी नियंत्रण में है।
Study :द लांसेट रीजनल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। 2016-20 के आंकड़ों पर की गई स्टडी के मुताबिक, देश में कई वयस्कों की मौत के लिए हाई ब्लड प्रेशर जिम्मेदार है।
इसका खुलासा केंद्र की रिपोर्ट में भी हुआ था
यह अध्ययन केंद्र सरकार के 2019-20 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) की भी पुष्टि करता है। इसमें कहा गया है
कि 2015-16 के सर्वेक्षण में 24 प्रतिशत पुरुषों और 21 प्रतिशत महिलाओं में उच्च रक्तचाप पाया गया, जो क्रमशः पुरुषों और महिलाओं में 19 प्रतिशत और 17 प्रतिशत था।
इस अध्ययन में केरल के शोधकर्ता भी शामिल थे। सरकारी प्रयासों, जागरूकता और स्वास्थ्य सुविधाओं तक बेहतर पहुंच के बावजूद, पिछले 21 वर्षों में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सक्षम रोगियों की संख्या केवल 6% से बढ़कर 23% हो गई है।
चार में से एक पीड़ित है
सरकारी मेडिकल कॉलेज, तिरुवनंतपुरम में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के अल्ताफ अली ने कहा, यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में कम से कम चार वयस्कों में से एक को उच्च रक्तचाप है।
हृदय रोगों (सीवीडी) के लिए सबसे बड़े जोखिम कारकों में से एक। यह विश्व स्तर पर मौत का सबसे आम कारण है। सीवीडी भारत में होने वाली कुल मौतों में से एक तिहाई के लिए जिम्मेदार हैं।
दूसरे शब्दों में, उच्च रक्तचाप किसी अन्य कारण से अधिक वयस्कों को मारता है।
लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है
शोधकर्ताओं ने 51 अध्ययनों को अपने शोध में शामिल किया, जिसमें 3.4 लाख मरीज शामिल थे। उन्होंने कहा, “उच्च रक्तचाप का उपचार और नियंत्रण सुनिश्चित करने से अगले दशक में लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।”