Society and federalism समाज और संघवाद सब से

Society and federalism

हरिशंकर व्यास

Society and federalism समाज और संघवाद सब से

Society and federalism समाज रचना की जातियां हो या देश की रचना का संघवाद, सबसे साथ दिल्ली सल्तनत का वोट खेला चला हुआ है। कोई माने या नहीं माने लेकिन दक्षिण भारत के राज्य अपने को काफी अलग थलग महसूस कर रहे हैं। हमेशा एक को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने या एक को दूसरे से लड़ाने की सोच वाले लोगों की वजह से दक्षिण के राज्य खतरा महसूस कर रहे हैं।

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Society and federalism उनको लग रहा है कि हिंदी उनके ऊपर थोपी जा रही है। निश्चित ही हिंदी को महत्व मिलना चाहिए। उसे राजकाज की भाषा भी बननी चाहिए लेकिन यह सबको साथ लेकर किया जाना चाहिए।

पिछले कुछ दिनों से हिंदी के प्रति प्रेम ऐसे प्रकट किया जाने लगा है, जिससे दूसरी भाषाओं के नेता खतरा महसूस कर रहे हैं। हिंदी पट्टी के वोट के लिए ऐसा किया जा रहा है। संसद में केंद्रीय मंत्री तमिल, तेलुगू, कन्नड या मलयाली नेताओं के सवालों के जवाब भी हिंदी में देते हैं।

इस पर सवाल उठता है तो वे कह देते हैं कि हर सांसद की सीट के पास मशीन लगी है, जिसमें अनुवाद सुना जा सकता है। आमतौर पर अंग्रेजी बोलने वाले सांसद भी अंग्रेजी में जवाब देने का आग्रह ठुकरा कर हिंदी में जवाब देते हैं।

Society and federalism  एक तरफ दक्षिण भारत के राज्यों को भाषा के नाम पर अलग थलग किया जा रहा है तो राजनीति में लगातार हिंदी क्षेत्रों का वर्चस्व बढऩे के बाद उनको अपना महत्व घटता दिख रहा है। आर्थिक असमानता अलग उनके लिए मुश्किल पैदा कर रही है।

Society and federalism पिछले दिनों तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानिवेल त्यागराजन ने कहा कि केंद्र सरकार उनको कुछ नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र को तमिलनाडु से एक रुपए का राजस्व मिलता है तो उसमें से 33-34 पैसे वह वापस कर रही है। पिछले दिनों दक्षिण भारत के राज्यों ने करों के बंटवारे को लेकर 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों का विरोध किया था।

समाज और संघवाद सब से

Society and federalism उनका कहना था कि ज्यादा आबादी वाले राज्यों या कम विकसित राज्यों को ज्यादा पैसा क्यों दिया जाएगा? उनका कहना था कि दक्षिण के राज्यों ने विकास किया है या आबादी कम रखी है तो उनको इसके लिए सजा नहीं दी जा सकती है। लेकिन किसी को इन बातों की परवाह नहीं है। अभी हिंदू की बात करके, हिंदी की बात करके, हिंदी पट्टी की बात करके वोट मिल रहे हैं तो वह किया जा रहा है। लेकिन इसका अंत नतीजा बहुत भयावह हो सकता है।

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