(Smooth traffic in Madhya Pradesh) मध्यप्रदेश में सुगम यातायात और नागरिक सुरक्षा के लिए लगातार हो रहा काम

(Smooth traffic in Madhya Pradesh)

गोपाल भार्गव

(Smooth traffic in Madhya Pradesh) मध्यप्रदेश में सुगम यातायात और नागरिक सुरक्षा के लिए लगातार हो रहा काम

(Smooth traffic in Madhya Pradesh) प्रदेशवासियों को सुगम और सुरक्षित यातायात उपलब्ध कराना राज्य शासन की प्राथमिकता है। सुगम मार्ग उपलब्ध कराने की पहली इकाई होने से लोक निर्माण विभाग का लक्ष्य मध्य प्रदेश को सडक़ों के निर्माण में आत्म-निर्भर बनाना और सडक़ दुर्घटनाओं की रोकथाम करना है।

(Smooth traffic in Madhya Pradesh) इस उद्देश्य से मध्यप्रदेश में गत वर्ष विशेष प्रयास किए गए हैं। प्रदेश से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और मुख्य मार्गों में ब्लॉक स्पॉट को एक वर्ष में समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

शहरों में बढ़ते हुए यातायात के दबाव को कम करने के लिए 5 बड़े शहर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में रिंग रोड का निर्माण करना भी इसी की एक कड़ी है। सडक़ दुर्घटनाओं को चिन्हित करने और नियंत्रित करने में लोक निर्माण विभाग द्वारा शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों प्रयोग किए जा रहे हैं।

सडक़ों का चौड़ीकरण, ज्योमैट्रिक विजन साइन बोर्ड का निर्माण नागरिकों को सुरक्षित यातायात उपलब्ध कराने में सहायक होगा। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थापित टोल नाकों पर प्राथमिक उपचार और एंबुलेंस की व्यवस्था भी अनिवार्य की गई है।

(Smooth traffic in Madhya Pradesh) मध्यप्रदेश में सडक़ यातायात को सुगम तथा आधुनिक बनाने की दिशा में जो कदम उठाए गए हैं उनमें मुख्य राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 8853 किलोमीटर, राजमार्ग 11 हजार 389 किलोमीटर, जिला मार्ग 23 हजार 401 किलोमीटर सहित प्रदेश में कुल सडक़ों की लंबाई 70 हजार 956 किलोमीटर है।

साथ ही प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ और मुख्यमंत्री सडक़ योजना में लगभग 80 हजार किलोमीटर से अधिक सडक़ों का निर्माण कराया गया है। गत 4 वर्षों में देखें तो मध्यप्रदेश में 23 हजार 394 करोड रूपए की लागत से 10 हजार 195 किलोमीटर नवीन सडक़ें और 459 पुलों का निर्माण कर रिकॉर्ड स्थापित किया गया है। वर्तमान में 5022 करोड़ रूपये से 789 वृहद और मध्यम पुल, रेलवे ओवर ब्रिज और फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है ।

प्रदेश में सडक़ों सहित अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर नियंत्रण रखना राज्य शासन की पहली प्राथमिकता रही है। स्टेट लेवल क्वालिटी कंट्रोल सेल का गठन कर कार्यपालन यंत्री और अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारियों को निर्माण कार्यों की गुणवत्ता निर्धारण का दायित्व दिया गया है।

रोड और मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा राज्य राजमार्ग और एम.डी.आर. मार्गों का 10 हजार किलोमीटर का डाटा संग्रहण भी किया गया है, जो सडक़ों के संधारण में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।

सडक़ों के निर्माण से प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिल सके, इसके लिए मध्यप्रदेश में दो महत्वाकाँक्षी परियोजनाएँ अटल प्रगति-पथ और नर्मदा एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाना है।

अटल प्रगति-पथ, राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोडऩे वाली 404 किलोमीटर लंबी परियोजना है। सरकार की भारतमाला परियोजना का हिस्सा अटल प्रगति-पथ बन जाने से ग्वालियर-चंबल अंचल के आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।

(Smooth traffic in Madhya Pradesh) राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा नदी के उद्गम स्थल और गुजरात में प्रवेश के अंतिम बिंदु तक नर्मदा एक्सप्रेस-वे बनाए जाने का महत्वाकाँक्षी निर्णय लिया गया है।

होरिजेंटल इंडस्ट्रियल बैकबोन के रूप में पहचान बनाने वाले नर्मदा एक्सप्रेस-वे से प्रदेश के 10 जिलों अनूपपुर, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, सीहोर, देवास, इंदौर, धार और झाबुआ जुड़ सकेंगे। इसके दोनों ओर धार्मिक पर्यटन के साथ औद्योगिक गतिविधियों को विकसित किए जाने का लक्ष्य है।

राज्य सरकार इन सभी कामों को समय-सीमा में पूर्ण कर प्रदेशवासियों को इनका लाभ दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है। नागरिकों को सुगमता के साथ सुरक्षित यातायात मिल सके, इसी भाव के साथ राज्य सरकार अपनी सडक़ परियोजनाओं को अंतिम रूप दे रही है।
0-लेखक मध्यप्रदेश शासन में लोक निर्माण मंत्री हैं।

 

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