Shrimad Bhagwat Katha : संसार के समस्त प्राणीं अंततः कल के ही अधीन है , फिर भी मनुष्य ऐसे जीवन जीता है जैसे मैं कभी मारूंगा ही नहीं

Shrimad Bhagwat Katha : संसार के समस्त प्राणीं अंततः कल के ही अधीन है, फिर भी मनुष्य ऐसे जीवन जीता है जैसे मैं कभी मारूंगा ही नहीं

Shrimad Bhagwat Katha : संसार के समस्त प्राणीं अंततः कल के ही अधीन है, फिर भी मनुष्य ऐसे जीवन जीता है जैसे मैं कभी मारूंगा ही नहीं

 

Shrimad Bhagwat Katha : सक्ती संसार के समस्त प्राणीं अंततः कल के ही अधीन है , फिर भी मनुष्य ऐसे जीवन जीता है जैसे मैं कभी मारूंगा ही नहीं । यही दुनिया का सबसे बड़ा आश्चर्य है की सभी यह जानते हैं कि मेरी आयु पल प्रतिपल कम होती जा रही है , फिर भी मनुष्य अपनी मृत्यु को सुधारने का प्रयास नहीं करता । भागवत तो वह सत्कर्म है जिससे मृत्यु भी मंगलमय होती है और स्वर्गीय संपत्ति की प्राप्ति होती है ।

Hartalika Nirjala Vrat : महिलाओं ने हरतालिका निर्जला व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर पति की लंबी आयु के लिए मांगा आशीर्वाद

Shrimad Bhagwat Katha : मनुष्य जीवन में मनुष्यता , सत्संग और मोक्ष की प्राप्ति दुर्लभ है , यह उद्गार शक्ति नगर मे मित्तल परिवार द्वारा अपने पूर्वजों की सद्गति की कामना से आयोजित श्रीमद् गया भागवत के द्वितीय दिवस व्यास पीठ से छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भागवत आचार्य राजेंद्र महाराज ने प्रकट किया ।

आचार्य द्वारा भगवान के अवतारों का वर्णन , राजा परीक्षित को श्राप , सृष्टि वर्णन और ध्रुव चरित्र की कथा का श्रवण कराया गया । उन्होंने कहा कि भगवान नाम की महत्ता सर्वोपरि है जिनके नाम का स्मरण संकीर्तन वंदन श्रवण और पूजन तत्काल ही जीवन के पापों को नष्ट करने वाला है । भगवान तो हमेशा ही अपने भक्त के वशीभूत रहते हैं

Chandrapur MLA : चंद्रपुर विधायक का नोटो के बंडल के साथ अपने लोगों के साथ चर्चा करते दिख रहे मामले में आया नया मोड

, व्यक्ति को जब सौंदर्य का मुंह होता है तब उसका ज्ञान बढ़ जाता है और विवेक दिखता नहीं है । राजा उत्तानपाद की तरह संसार का हर मनुष्य भी सुरुचि पर ही प्रेम रखता है क्योंकि वह समझता है की अपनी रुचि के अनुसार ही कार्य करने पर उसका परिणाम उत्तम होगा । सुनीति के मार्ग पर चलना अर्थात नीति का पालन करना कठिन दिखता है जबकि सुनीति का पुत्र ध्रुव अटल है ।

5 वर्ष के प्रिय भक्त जिसे भगवान को अपनी भक्ति की शक्ति से सातवें आसमान से नीचे उतार लिया था ,। अपने भक्त ध्रुव को भगवान ने वरदान दिया और₹36000 वर्ष तक धरती में राजा बनाकर राज्य करने के पश्चात सर्वोत्तम ध्रुव लोक प्रदान किया जिसकी परिक्रमा सप्त ऋषि आज भी किया करते हैं ।

श्रीमद् भागवत महापुराण में केवल भगवान के चरित्र का ही वर्णन नहीं है बल्कि भगवान के प्रिय भक्तों की कथा वर्णन में आया है , क्योंकि भागवत तो भगवान के भक्त भी होते हैं । भगवान हमेशा अपने भक्तों का मान बढ़ाते हैं । भागवत महापुराण में भगवान श्री कृष्ण की अद्भुत और विचित्र कथाएं हैं फिर भी इस महापुराण को श्री कृष्ण पुराण ना कहकर भागवत महापुराण कहा गया , यह भगवान के भक्तों के भक्ति की ही महिमा है ।
आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने कहा कि ध्रुव जी का संकल्प था की या तो मैं भगवान को प्रसन्न करूंगा या अपने देह का ही परित्याग कर दूंगा । दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी कठिन कार्य को भी पूर्ण किया जा सकता है , मनुष्य जीवन की अनेक संभावनाएं हैं इसलिए अपने

मानव जीवन को सिद्ध करने हेतु हमेशा ही सत्कर्म और भगवान के प्रति आस्था रखने की आवश्यकता है द्वितीय दिवस की कथा में सैकड़ो श्रोताओं ने कथा रसपानए के साथ दृष्टांत एवं सरस संकीर्तन का लाभ प्राप्त किया ,। इस अवसर पर  ज्योति राकेश

मित्तल,मोनिका आशीष मित्तल , नैंसी रवि मित्तल ,  अंजलि अंकुर मित्तल , प्रीति अग्रवाल , राम अवतार , समरू राम देवांगन , भगत राम साहू ,  पुष्पा राठौड़ , कपूर चंद अग्रवाल , संजय अग्रवाल , अमर अग्रवाल चेनू लाल देवांगन , एवं सैकड़ो कथा श्रोता उपस्थित थे ।

सप्ताह ज्ञान यज्ञ के आयोजके मीरा महेंद्र मित्तल , माधुरी राजकुमार मित्तल ,सुनीता नरेंद्र मित्तल तीनों ही अजमान जोड़ियां द्वारा अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण का पुण्य लाभ प्राप्त करने अपील की गई है ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU