शिक्षकों को विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित करने का आरोप
दिलीप गुप्ता
सरायपाली
सरायपाली विकासखंड के अंतर्गत कार्यरत विभिन्न शिक्षक संगठनों के सहयोग व उनका अपने हक में उपयोग कर अधिकारी बनने के बाद इन्ही अधिकारियों द्वारा सहयोग करने वाले शिक्षकों की समस्याओं व आवश्यकताओं को दूर किये जाने के बजाय और प्रताड़ित किये जाने जैसा व्यवहार किये जाने से सभी शिक्षक संगठनों ने विकास खंड शिक्षा अधिकारी प्रकाश चंद्र मांझी व विकासखंड श्रोत समन्वयक सतीश स्वरूप पटेल के खिलाफ विरोध स्वरूप मोर्चा खोल दिया है शीघ्र ही इस संबंध में मुख्यमंत्री , शिक्षा मंत्री के साथ ही विभागीय अधिकारियों को अवगत कराते हुवे इनके स्थान्तरण की मांग के साथ साथ इनके कार्यकाल की भो जांच की भी मांग की जायेगी । यदि संघ की मांगों पर कार्यवाही नही की गई तो आगे की रणनीति पर कार्य किया जायेगा ।
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ज्ञात हो कि पूर्व बीईओ आई बी कश्यप से कार्यशैली से नाराज शिक्षक संघों के भावनाओ का रदुरुपयोग करते हुवे वर्तमान बीईओ जी की बारडोली स्कूल में संस्कृत के शिक्षक थे द्वारा इसका भरपूर फायदा उठाते हुवे इनके सहयोग व स्वेच्छा से बीईओ का पद हथिया लिया गया और अब उन्ही सहयोगियों को नियम व कानून बताकर प्रताड़ित किया जा रहा है । इस संबंध में कुछ शिक्षकों ने बताया कि बीईओ पद पर उनकी नियुक्ति ही नियम विरुद्ध की गई है । इसकी जांच किये जाने की भी मांग की जायेगी ।
इस संबंध में अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन संघ के कोषाध्यक्ष अनिल पटेल ने जानकारी देते हुवे बताया कि सर्व शिक्षक संगठन सरायपाली क एक बैठक गोलवरकर स्कूल में रखी गई ।जिसमे सरायपाली शिक्षा विभाग के दोनों प्रमुख अधिकारियों के अपने कर्मचारियों के प्रति बर्ताव पर रोष जाहिर किया गया। बैठक में बात प्रमुखता से की गई कि विकास खंड शिक्षाधिकारी प्रकाश चंद्र मांझी के कार्यशैली से विकास खंड के शिक्षक व्यथित एवम् पीढ़ित है।इस के साथ साथ विकासखंड श्रोत केंद्र समन्वयक सतीश पटेल के रूखे व्यवहार से शिक्षक वर्ग आहत है।
पेंशन प्रकरण, एरियर्स भुगतान,जीपीएफ राशि की निकासी,चिकित्सा प्रतिपूर्ति राशि भुगतान आदि में जान बूझ कर लेट लतीफ कर बी ई ओ के द्वारा शिक्षको को मानसिक ,आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।अधिकारी के इस मन माने पूर्ण रवैए से कार्यालयीन कार्य में भी हिला हवाला किया जाता है।कई शिक्षकों के सर्विस बुक अधूरे है,अर्जित अवकाश ,अन्य अवकाश का ऑनलाइन अद्यतन नहीं है।इसी तरह सतीश पटेल विकास खंड श्रोत समन्वयक का व्यवहार शिक्षको के प्रति ठीक नहीं है।कई जानकारी बार बार मगवाई जाति है जो पूर्व से कार्यालय में मौजूद होता है।कुछ जानकारी अन्य विकास खंड की तुलना में पूर्व या अतिरिक्त मंगवाई जाति है।जो समझ से परे है।
इस प्रकार के अतिरिक्त जानकारी मंगवा कर ,अनावश्यक रूप से ऑनलाइन कार्यों को किए जाने के लिए शिक्षको को दबाव पूर्वक परेशान किया जाता है। इन दोनो अधिकारी से शिक्षक त्रस्त होकर उच्च अधिकारियों को सर्व शिक्षक संगठन के द्वारा ज्ञापन सौपे जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
वर्तमान में चल रहे दोष पूर्ण युक्तियुतकरन नीति का विरोध भी सभी संगठन ने एक सुर में किया है।संघठन ने शासन से मांग की है की सबसे पहले प्राचार्य,व्याख्याता,प्रधान पाठक मिडिल के पद पर पद्दोन्नति हो। उसके पश्चात ही यदि कोई शिक्षक अतिशेष होते है तो उनका युक्तियुक्तकरण 2008 के सेटअप के अनुसार होना चाहिए। इसके साथ साथ इस सत्र 2025 में सेवानिवृत शिक्षकों को अतिशेष से पृथक रख कर शेष शिक्षकों को उनके स्थान का लाभ दिया जाना चाहिए।जो शिक्षक स्वेच्छा से अति शेष में अन्यत्र विद्यालय जाना चाहते है तो उन्हें अवसर प्रदान करना चाहिए। यदि 2008 सेटअप को लागू नहीं किया जाता है तो शिक्षा गुणवता में निश्चित रूप से गिरावट आयेगी।इस बैठक में शिक्षा विभाग के सर्व संगठन प्रमुख एवम् पदाधिकारी उपस्थित रहे।जिसमे चंद्रहास पात्र, भोज राज पटेल,किशोर रथ,अनिल पटेल,मनोज रॉय, लव पटेल,राजाराम पटेल,नेहरू लाल चौधरी,भोला नायक,राजेश प्रधान,अंगद बारीक,गणेश चौहान,जयंत बारीक,उपेंद्र साहू,मोहित नायक,रामलाल साहू,गजानन पाणिग्रही, दरस पटेल,उपेंद्र कुमार साहू,हेमंत चौधरी सहित कई शिक्षक उपस्थित रहे।