Shame for india भारत के लिए शर्मनाक

Shame for india

Shame for india भारत के लिए शर्मनाक

 

Shame for india
Shame for india भारत के लिए शर्मनाक

Shame for india आखिर भारतीय फुटबॉल संघ में ऐसी स्थिति पैदा क्यों हुई, जिससे मामला अदालत तक गया? और फिर क्या सुप्रीम कोर्ट ने बिना फीफा के नियमों और कायदों पर गौर किए अपना फैसला सुना दिया?

https://jandhara24.com/news/109790/the-dead-body-of-the-middle-aged-found-in-the-breaking-kachana-pond-sensation-spread-in-the-area/

Shame for india भारत की एक अदालत के आदेश से नाराज फीफा ने भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) को निलंबित कर दिया है। अक्टूबर में अंडर-17 महिला विश्व कप से पहले यह निलंबन भारत के लिए बड़ा झटका है। अब अधिक संभावना यही है कि इस आयोजना को टालना पड़ेगा।

Shame for india  सवाल है कि आखिर भारतीय फुटबॉल संघ में ऐसी स्थिति पैदा क्यों हुई, जिससे मामला अदालत तक गया? और फिर क्या सुप्रीम कोर्ट ने बिना फीफा के नियमों और कायदों पर गौर किए अपना फैसला सुना दिया? फुटबॉल संघों की अंतरराष्ट्रीय संस्था फीफा ने ‘तीसरे पक्ष के गैरवाजिब प्रभाव’ के कारण भारतीय संघ की सदस्यता निलंबित की है।

Shame for india फीफा ने कहा है कि भारत में 11 से 30 अक्टूबर तक अंडर-17 महिला विश्व कप प्रतियोगिता होनी है। लेकिन निलंबित देश में प्रतियोगिता नहीं हो सकती। स्पष्टत: भारत के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। फीफा के बयान के मुताबिक वह टूर्नामेंट के आयोजन के बारे में अगले कदमों पर विचार कर रहा है और जरूरत पडऩे पर मामले को ब्यूरो ऑफ काउंसिल को सौंपा जाएगा।

Shame for india
Shame for india भारत के लिए शर्मनाक

भारत में फुटबॉल के प्रबंधन और आयोजन के लिए एआईएफएफ जिम्मेदार है। उस पर प्रतिबंध लग गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मई में उसे हटा दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने तीन सदस्यों की एक समिति को खेल के प्रबंधन के लिए नियुक्त किया था।

Shame for india इस समिति को संघ के संविधान में संशोधन करके 18 महीने से लंबित पड़े चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसकी प्रतिक्रिया में फीफा और एशियन फुटबॉल कॉन्फेडरेशन ने अपना एक दल भेजा था। यह दल भारत में फुटबॉल से जुड़े सभी पक्षधरों से बात करके संविधान में संशोधन की प्रक्रिया की देखरेख कर रहा था।

Shame for india इस दल ने एक रोडमैप बनाया था जिसके तहत जुलाई के आखिर तक संविधान में संशोधन कर 15 सितंबर से पहले चुनाव खत्म करा लेने की समयसीमा तय की गई थी। लेकिन इस महीने की शुरुआत में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया कि तुरंत चुनाव कराए जाएं।

BJP Parliamentary Board : संसदीय बोर्ड में टूटी हैं परंपराएं !

Shame for india कोर्ट ने कहा कि चुनी गई तीन सदस्यों की समिति अंतरिम रूप से तीन महीने के लिए कार्यभार संभालेगी। फीफा ने इसे स्वीकार नहीं किया। अब मामला उलझ गया है।

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU