Second day of Shardiya Navratri : दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जरूर पढ़ें यह कथा, आरती और इन मंत्रों का जाप

Second day of Shardiya Navratri : दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जरूर पढ़ें यह कथा, आरती और इन मंत्रों का जाप

Second day of Shardiya Navratri : दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जरूर पढ़ें यह कथा, आरती और इन मंत्रों का जाप

Second day of Shardiya Navratri : हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज 27 सितंबर को शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है और यह दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप को समर्पित है.

Second day of Shardiya Navratri : इस दिन विधि-विधान से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है और माता प्रसन्न होकर लोगों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। (शारदीय नवरात्रि 2022 पूजन विधि) अगर आप भी मां ब्रह्मचारिणी की कृपा पाना चाहते हैं तो उनकी आरती और मंत्रों का जाप अवश्य करें।

Second day of Shardiya Navratri : दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जरूर पढ़ें यह कथा, आरती और इन मंत्रों का जाप
Second day of Shardiya Navratri : दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जरूर पढ़ें यह कथा, आरती और इन मंत्रों का जाप

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मां ब्रह्मचारिणी कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मचारिणी माता ने पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था। माँ भगवान शंकर को पति के रूप में चाहती थी। इस इच्छा की पूर्ति के लिए नारद जी की सलाह पर माता ने घोर तपस्या की।

तपस्या के कारण उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। 1000 साल तक उन्होंने अपना समय फल और फूल खाने में बिताया। इसके साथ ही उन्होंने 100 साल तक जमीन पर रहकर तपस्या की।

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कहा जाता है कि निर्जल और असहाय होकर कई हजार वर्षों तक तपस्या करने से देवता प्रसन्न हुए और उनकी मनोकामना पूर्ण होने का वरदान प्राप्त किया।

मां ब्रह्मचारिणी मंत्र

दधना करपद्माभ्यमाक्षमलकमंडलु। देवी प्रसिदातु माई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||
वन्दे ने लाभायचन्द्रघकृतशेखरम चाहा।

जपमालकमंडलु धराब्रह्मचारिणी शुभम
गौवर्ण स्वाधिष्ठानस्थ द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्रम।

धवल ने ब्रह्मरूप पुष्पलंकर भूशितम की वेशभूषा धारण की।
परम वंदना पल्लवरधारा कांत कपोला पीन।

Second day of Shardiya Navratri : दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जरूर पढ़ें यह कथा, आरती और इन मंत्रों का जाप
Second day of Shardiya Navratri : दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जरूर पढ़ें यह कथा, आरती और इन मंत्रों का जाप

पयोधरम कमनिया लवनयम स्मेर्मुखी लो नाभि नितांबनिम्॥

या देवी सर्वभितेशु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेन संस्था।
नमस्ते नमस्तस्य नमस्तस्य नमो नमः।

मदमभयम अक्षमाला कमंडल, दधना करके।
देवी प्रसिदातु माई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।

ब्रह्मचारिणी की आरती

जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता।
जय चतुरनन प्रिय प्रसन्नता दाता।

आप ब्रह्मा जी को प्रसन्न करते हैं।
तुम सबको ज्ञान सिखाते हो।

आपका जप ब्रह्म मंत्र है।
जो सारे जगत् को जपता है।

जय गायत्री वेदों की माता।
मन जो सदा तुम्हारा ध्यान करता है।

कोई छोटा न रहे।
दर्द कोई नहीं सह सका।

उसके पास से दूर रहना।
आपकी महिमा कौन जानता है

रुद्राक्ष की माला धारण करना।
विश्वास के साथ किसी भी मंत्र का जाप करें।

आलस्य और स्तुति छोड़ो।
माँ, तुम उसके लिए खुशियाँ लाओ।

आपका नाम ब्रह्मचारिणी है।
मेरा सारा काम पूरा करो।

भक्त आपके चरणों का पुजारी है।
मेरी लाज रखो।

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