Scientists mosquitoes : वैज्ञानिकों ने मच्छरों को लेकर किया बड़ा दावा

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Scientists mosquitoes : वैज्ञानिकों ने मच्छरों को लेकर किया बड़ा दावा

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Scientists mosquitoes : नयी दिल्ली !  वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से मच्छर अन्य लोगों की तुलना में किसी एक व्यक्ति की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं।


Scientists mosquitoes :  न्यू मैक्सिको स्टेट यूनिवर्सिटी में सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रोफेसर डॉ. जगदीश खुबचंदानी ने अनुसार यदि घर में सात व्यक्ति हैं तो किसी एक व्यक्ति को मच्छर सबसे ज्यादा काटते हैं और उसके मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि बीमारियों की चपेट में आने की अत्यधिक आशंका रहती है।

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Scientists mosquitoes :  डॉ. खुबचंदानी ने कहा कि मच्छर करीब 3,500 से अधिक प्रकार हैं जिनमें से कुछ ही लोगों को काटते हैं। खास बात यह है केवल मादा मच्छर ही लोगों को काटती हैं क्योंकि उन्हें अपने अंडों के लिए प्रोटीन के स्रोत के रूप में रक्त की आवश्यकता होती है।

एनोफिलीज प्रजाति के मच्छर मलेरिया, पीले बुखार और डेंगू का कारण बनने वाले विषाणुओं समेत कई जानलेवा बीमारी के लिए जिम्मेदार हैं।


Scientists mosquitoes : वर्ष 1968 की शुरुआत में एक अध्ययन में पाया गया कि पीले बुखार के लिए जिम्मदार मच्छर लैक्टिक एसिड से अत्याधिक आकर्षित होते हैं।

इसे मच्छरों के लिए एक ‘हस्ताक्षर मानव गंधक’ कहा गया है। व्यायाम करते समय लैक्टिक एसिड अधिक बनता है , इसलिए व्यायाम करने के बाद साबुन से अच्छी तरह स्नान कर लेना चाहिए।

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Scientists mosquitoes : उन्होंने कहा, “हमें भाने वाली तुलसी, लैवेंडर, लेमन थाइम और गेंदे के फूल जैसे सुगंधित पौधे की खुशबू से मच्छर दूर रहते हैं।”


Scientists mosquitoes : उन्होंने कहा कि एक से अधिक अध्ययनों से पता चला है कि मच्छरों को आकर्षित करने अथवा दूर रखने में व्यक्तियों का रक्त समूह भी जिम्मेदार है। ब्लड ग्रुप ‘ए’ वाले लोगों के लिए यह अच्छी खबर है।

 मच्छरों को यह ग्रुप कम आकर्षक लगता है, लेकिन ब्लड ग्रुप ‘ओ’ के लिए यह इतना अच्छा नहीं है।

 

इस ब्लड ग्रुप वाले लोगों से मच्छर ‘ए’ ग्रुप वाले की तुलना में दोगुना आकर्षित होते हैं, लेकिन ‘ओ ’ग्रुप वाले व्यक्तियों के लिए राहत की बात है कि वे गंभीर मलेरिया की चपेट में नहीं आते हैं।

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 इन अध्ययनों में शरीर की गंध, शरीर का रंग, त्वचा का तापमान और बनावट, त्वचा पर रहने वाले रोगाणुओं, गर्भावस्था की स्थिति, मनुष्यों द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड, शराब और आहार के प्रकार पर चर्चा की गई है।

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कुल मिलाकर, अध्ययनों से पता चलता है कि गर्भवती महिलाएं, उच्च शरीर के तापमान और पसीने वाले लोग, विविध त्वचा सूक्ष्म जीवों की उपस्थिति, और गहरे रंग की त्वचा वाले लोग मच्छर को अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।

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