Saraipali News Today : मीसा बंदी रहे जगदीश लाल उबोवेजा का मुख्यमंत्री ने शाल व नगद राशि देकर किया सम्मान

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Saraipali News Today : आपातकाल के दौरान सर्वाधिक 18 माह तक रहे जेल में 

 

Saraipali News Today : सरायपाली !   छत्तीसगढ़ में फिर भाजपा की सरकार बनने के बाद कांग्रेस कार्यकाल में उपेक्षित जीवन यापन कर रहे आपातकाल से सर्वाधिक प्रभावित मीसाबंदियों को पुनः सम्मान व जीवन यापन के लिए मासिक राशि मिलना प्रारम्भ हो गया है । राज्य में भाजपा की सरकार बनने व सरकार द्वारा पुनः मीसाबंदियों को आर्थिक सहायता के रूप में मासिक राशि दिए जाने की घोषणा के बाद मीसाबंदियों में उत्साह का संचार हुआ है । भाजपा के प्रथम कार्यकालों में इन मीसाबंदियों को आर्थिक सहायता दी जाती थी किंतु कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कांग्रेस सरकार द्वारा यह योजना बन्द कर दी गई थी ।

राज्य में भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार द्वारा सरकार बनाये जाने के बाद मीसाबंदियों को पुनः याद करते हुवे उन सभी मीसाबंदियों को रायपुर में अपने निवास पर आमंत्रित कर सम्मानित किया गया । भाजपा इन मीसाबंदियों को भारतीय लोकतंत्र सेनानी के रूप में याद करती है ।
इस सम्मान समारोह कार्यक्रम के लिए सरायपाली के जनसंघ पार्टी के वरिष्ठ जगदीश लाल उबोवेजा को भी सपरिवार आमंत्रित कर सम्मानित किया गया ।

लगभग 90 वर्षीय जगदीश लाल उबोवेजा जनसंघ के सबसे पुराने सदस्य रहैं हैं । इनके तीनो पुत्र क्रमशः कमलजीत उर्फ पप्पू भाजपा से जुड़े हैं तो वही शम्मी उबोवेजा आरएसएस के वर्तमान में पदधिकारी हैं तथा विपिन उबोवेजा भाजपा के सक्रिय पदाधिकारी है तथा अनेक जिला व प्रदेश स्तर के पद पर हैं ।इस सम्मान समरोहवके दौरान पुत्र विपिन उबोवेजा भी साथ थे ।

जनधारा संवाददाता से चर्चा करते हुवे सम्मानप्राप्त जगदीश लाल उबोवेजा ने बताया कि उन्हें इस बात की खुशी है कि भाजपा सरकार द्वारा आपातकाल के दौरान मीसाबंदियों को पुनः याद किया गया । रायपुर सेंट्रल जेल में 18 माह के कष्ट व यातनादायक समय को याद करते हुवे उन्होंने बताया कि वे पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा जबरन थोपे गए आपातकाल के खिलाफ स्थानीय स्तर पर अपनी पत्नी, बच्चों एवं व्यापार की परवाह किए बगैर जबरदस्त विरोध किया था ।

जिसके परिणामस्वरूप उन्हें व अन्य विरोधियो को केंद्र की कांग्रेस सरकार द्वारा रायपुर सेन्ट्रल जेल में ठूंस दिया गया था। जेल में सभी मीसाबंदियों को भारी यातनाएं व सजाएं दी गई। इन यातनाओं व सजा से उस वक्त उनके नजदीकी रिश्तेदार इतने डरे व सहमे रहते थे कि परिजनों से मिलना तो दूर की बात बात करने से भी वे लोग कतराते थे।

उस वक्त सरकारी तंत्र इतना अधिक हावी था कि नेताओं को कभी भी किसी वक्त बिना कुछ कहे बिना वारंट के सीधे जेल में कर बंद कर दिया जाता था । परिजन रोते बिलखते रहते थे। विभिन्न जेलों में बंद नेताओं से उनके परिजन आसानी से मिल नहीं पाते थे इसलिए आज भी मीसा के तहत बन्द मीसाबंदियों व उनके परिजनो द्वारा 18 से 20 जून को काला दिवस के रूप में मनाते आये हैं।

उबोवेजा ने कहा कि सरकार बदलते ही उन सभी मीसाबंदियों को भारतीय लोकतंत्र सेनानी के नाम से नवाजा गया एवं उनके सम्मान के लिए पूर्व राज्य मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने के अथक प्रयास से छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जिसके मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह थे के द्वारा सम्मानित किया गया था।

 

 

छत्तीसगढ़ में पुनः भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने निवास स्थान पर लोकतंत्र सेनानीयों को सम्मानित करने का निर्णय लेकर सभी जीवित मीसाबंदियों की शाल , श्रीफल व मासिक नगद राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया । उसके लिए हम सभी मीसाबंदी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त करते हैं ।

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