Saraipali Big News बगैर पात्रता के बना दिया गया बीईओ
Saraipali Big News एक अन्य प्रकरण में भी बगैर पात्रता के प्राचार्य आदेश के खिलाफ आक्रोश
Saraipali Big News सरायपाली ! अपात्र होने के बावजूद सरायपाली विकास खंड शिक्षा अधिकारी के रुप में सन 2021 से आज तक बीईओ के पद पर बने रहने व के खिलाफ की गई शिकायत पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जांच किये जाने का आदेश जारी किया गया है । इस संबंध में प्रकाश चन्द्र मांझी प्रभारी बीईओ सरायपाली को बीईओ पद से कार्यमुक्त करने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने सिद्वार्थ कोमल परदेशी( आईएएस) सचिव , छत्तीसगढ शासन स्कूल शिक्षा विभाग एवं विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ को लिखित में शिकायत की गई थी। शिकायत पर छत्तीसगढ शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने इस प्रकरण में जांच किये जाने का आदेश जारी किया गया है।
Saraipali Big News ज्ञातव्य हो कि प्रकाश चन्द्र मांझी हाईस्कूल बाराडोली में संस्कृत में व्याख्याता पद थे। वें 24/08/2017 को हाईस्कूल बाराडोली में कार्यभार ग्रहण किये थे ।नियमतः बीईओ बनने के लिए 5 वर्षो का अनुभव आवश्यक है किंतु इनका अनुभव प्राचार्य पद हेतु 05 वर्ष का नही था । लेकिन इनको के.कुमार संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर द्वारा दिनांक 15/12/2021 को प्रभारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सरायपाली पद के लिए आदेश किया था । तब से प्रभारी बीईओ सरायपाली के पद में बने हुए है।
इनके पूर्व सरायपाली में आई पी कश्यप बीईओ के पद पर पदस्थ थे । शिक्षा व्यवस्था व उसके सुधार के उनकी इस कार्यशैली को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश था । बीईओ कश्यप को हटाने अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन व शिक्षकों के संघो द्वारा आंदोलन भी किया गया था । इस संबंध में विगत 12/7/21 को एसडीएम को मुख्यमंत्री व अन्यो के नाम ज्ञापन भी सौपा गया था ।
कश्यप को हटाकर पिथौडा से नंद सर को बीईओ बनाया गया था । पात्रता नही होने का तर्क देकर उसे भी हटवाया गया । एक योजना के तहत तत्कालीन विधायक से सांठगांठ कर बाराडोली में पदस्थ संस्कृत शिक्षक व वर्तमान बीईओ प्रकाश चंद्र माँझी को बीईओ के पद पर नियुक्त किया गया ।
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Saraipali Big News जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के एक स्कूल में पदस्थ शिक्षक का प्रमोशन प्राचार्य पद के लिए किया गया है । कुछ शिक्षकों का कहना है कि यह आदेश भी नियमतः सही नही है । इसकी भी आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी जाएगी व पश्चात शिकायत की जाएगी । इस आदेश के विरुद्ध एक लाभार्थी शिक्षक हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं ।
अभी ऐसे ही एक प्रकरण में छत्तीसगढ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर किया गया था। जिसमें व्याख्याता को बीईओ बनाने के संबंध में जबाब मांगा गया। तद्संबंध में छत्तीसगढ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर के दिनांक 14/03/2024 को आदेश क्रमांक एफ 12-4/2024/20-तीन के कंडिका संख्या 05 के अनुसार जो मूल पद व्याख्याता में है, वे नियमानुसार विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पद की पात्रता नही रखते है, का जबाब दिया है।
दरअसल में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के 25 प्रतिशत पदो में सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी की पदोन्नति से भरा जाना है। तथा 75 प्रतिशत पदो को अन्य सेंवाओ के व्यक्तियो के स्थानांतरण/प्रतिनियुक्ति से भरा जाना है। भर्ती नियम में यह टीप भी अंकित है कि फीडिग कैडर में पात्र अभ्यर्थी उपलब्ध न होने की स्थिति में 05 वर्ष अनुभवी प्राचार्य पदस्थ किये जायेंगें।
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छत्तीसगढ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय ने इस शिकायत में जांच हेतु संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छ.ग. इन्द्रावती भवन को 21/05/2024 को पत्र जारी किया है। जिसमें शिकायत का परीक्षण करते हुए प्रकरण पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने को निर्देशित किया है।