RTI activist सूचना के अधिकार अधिनियम से जानकारी मांगना आवेदक को पड़ा महंगा!
RTI activist दंतेवाड़ा- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता एवं जवाबदेही को निर्धारित करता हैं। आम जनता को इस कानून के माध्यम से मजबूती मिलती हैं। कि वह किसी भी सरकारी विभाग में अभिलेख, कार्यों का लेखाजोखा, विभागीय मद की जानकारी मांगने का अधिकार अधिनियम 2005 उसे प्रदाय करता हैं।
RTI activist मगर जिले के जनपद पंचायत गीदम में यह कानून लागू नही होता है। पंचायत जनसूचना अधिकारी/सचिव इस कानून को नही मानते हैं। यह बड़े ही हैरत की बात हैं यह कानून जम्मू एवं कश्मीर को छोड़ कर पूरे भारत देश में लागू होता हैं। परन्तु धारा 370 व 35ए हटने के बाद पूरे भारत देश में अब लागू हैं। जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले पंचायत के जनप्रतिनिधि एवं जनसूचना अधिकारी इस कानून के तहत जानकारी देने में आनाकानी करते हैं। यदि जिस ने भी आवेदन लगाया है तो उसे आवेदन वापिस लेने को कहा जाता हैं। आवेदक को धमकाया भी जाता हैं।
RTI activist ऐसा ही ताजा मामला दिनांक 07.12.2022 को जनपद पंचायत गीदम में देखने को मिला हैं। जिले के आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष यादव द्वारा ग्राम पंचायत हाऊरनार में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन किया गया था। समयावधि समाप्त हो जाने के बाद आवेदक ने प्रथम अपील लगाई थी।
RTI activist जिसकी सुनवाई दिनांक 07.12.2022 को जनपद कार्यालय में 12.00 बजे रखी गई थी। आवेदक एवं जनसूचना अधिकारी/सचिव हाऊरनार को जनपद सीईओ ने फैसला सुनाते हुये सचिव को 07 दिवस के भीतर नि: शुल्क जानकारी आवेदक को देने को कहा गया।
RTI activist इसके पश्चात सचिव एवं फरसपाल सरपंच ने आवेदक को कार्यालय के बाहर लेजाकर पूछने लगे तुम आवेदन क्यो लगाए हो। उसके बाद पीछे से कुछ लोग गालियाँ देने लगे। उसी समय नागुल सरपंच नाहरू ने आवेदक को गालियाँ देते जान से मारने की धमकी देते हुए मुक्के से मारना चालू कर दिया।
RTI activist उसके बाद वहां कुछ लोगों द्वारा भी मारपीट की गई।सूचना के अधिकार अधिनियम से जानकारी मांगना आवेदक को महंगा पड़ गया। गीदम थाने में फरसपाल सरपंच, चन्द्रशेखर श्रीवास्तव, नागुल सरपंच नाहरू के खिलाफ भा0द0वि0 की धारा 294, 323, 506,34 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया हैं।