project सरकार और बी.एस.पी. लोगों को कर रही गुमराह
project नारायणपुर। जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति “रावघाट परियोजना से नारायणपुर के युवाओं को रोजगार, बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में होगी बढ़ोतरी” जो स्थानीय समाचर पत्रों में प्रमुखता के साथ प्रकाशित हुई है, पूरी तरह झूठ है और इसका रावघाट संघर्ष समिति पूर्ण रूप से विरोध करती है ।
project आज भी हमारे रावघाट खनन प्रभावित क्षेत्र में खनन करने के लिए पूरी तैयारी तो हो गई है, लेकिन अभी तक सरकार और बी.एस.पी. ने कोई स्कूल भवन नहीं बनाया है, बल्कि ग्रामीणों द्वारा आपसी सहयोग से बने स्कूल को संचालित किया जा रहा है।
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project स्वास्थ्य सुविधाओं का जिक्र किया गया है, पर ज्ञात हो कि बी.एस.पी अब तक नारायणपुर जिला अस्पताल से बेहतर सुविधा नही दे पा रहा है।
project सरकार के नीतिज्ञों ने कभी ये आंकलन नही किया है कि हमारे गांव के जंगल पहाड़ उजड़ जाने से हमारे जीवन के स्तर में क्या गिरावट होगी।

project हमारे जीवन भर के लिए निस्तार और आजिविका के संसाधन समाप्त हो जायेगें, हमारे खेतों में लाल मिट्टी आने से जीवन भर के लिए खेत बर्बाद हो जायेंगे, जंगल के वन उपज समाप्त हो जायेेंगे, जड़ी बुटियों का अस्तित्व खत्म हो जायेगा, वायु प्रदूषण हो जाने से शुध्द ऑक्सीजन नही मिलेगा , साथ ही धूल से अस्थमा और कैंसर जैसे गंभीर बिमारियों होंगी।
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project हम अपने मांग को लेकर जिला मुख्यालय जाते है हमें लाठी डण्डों से पीटा जाता है, हम नही जाते है तो घर में आकर प्रभावित क्षेत्र के लोगों का कॉलर पकड़कर धमकी दी जा रही है, गॉव में आकर बहन बेटियों के साथ मारपीट की जा रही है, दमन किया जा रहा है।
इसलिए खनन प्रभावित क्षेत्र के लोगों के द्वारा इस खनन कार्य का विरोध किया जा रहा है, और आगे भी करते रहेंगे। बी.एस.पी.विकास की बात करती है लेकिन रावघाट प्रभावित क्षेत्र का किसी भी प्रकार विकास नही हो रहा है, बल्कि यहॉ पर खनन के विरोध करने के कारण दमन बढ़ गया है ।
रोजगार देने के नाम पर रावघाट दण्डकवन बी.एस.एफ. कैंम्प में दो स्टाफ नर्स को काम पर लगाया है पर आज तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है। बी.एस.पी. के पास जाने से बी.एस.एफ. के कर्मचारी बताते है, और बी.एस.एफ. के पास नियुक्ति आदेश के लिए जाने से बी.एस.एफ. के कर्मचारी बता रहे है।
अंतागढ़ में बीएसपी के द्वारा डिस्पेंसरी खोली गई थी, जो पिछले 3 साल से बंद पड़ी है। अब विरोध के बाद बिना किसी सुविधाओं के नाममात्र फिर खोली गई है। खोड़गॉव, नारायणपुर में भी एक डिस्पेंसरी रामकृष्ण आश्रम के माध्यम से खोली गई है जिसमें भी सुविधाओं के अभाव में केवल खानापूर्ति हो रही है ।
इन डिस्पेंशरीयों से बेहतर सुविधाए उपस्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध है। बी.एस.पी. ने जनघोषणा पत्र में प्रत्येक परिवार को दो मच्छर दानी वितरण करने का वादा किया था, पर आज तक इतना छोटा सा वादा भी पूरा नही कर पाया है। फिर भी रोजाना लोेगों के मघ्य भ्रम की स्थिति पैदा कर रोजगार के अवसर दिलाने का सपना दिखाकर उन्हें गुमराह कर रहे है।
हां रावघाट से जुड़ा है नारायणपुर और अंतागढ़ क्षेत्र के लोगों का भविष्य और रावघाट के बिना हम जी नही सकते । जिस दिन पहाड़ उजड़ जायेगा उस दिन लोगों के जीवन में समस्या और जीवन के उल्टी गिनती शुरू होंगी ।
इस पहाड़ के बिना लोग जीने के लिए तरस जायेंगे, वातावरण के लिए तरस जायेेंगें, पानी के लिए तरस जायेंगे। इस क्षेत्र के रहवासियों का पूरा विश्वास है कि यह पहाड़ जब तक रहेगा, यहां के लोगों को खाने पीने की कोई वस्तु की कमी नही होगी ।