Rajnandgaon News Today कहां है शासन की रोका झेका अभियान

 Rajnandgaon News Today

के एस ठाकुर
Rajnandgaon News Today  कहां है शासन की रोका झेका अभियान

 Rajnandgaon News Today राजनांदगांव ! छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना रोका छेका अभियान जिसकी मूल अवधारणा घुमंतू आवारा एवं पालतू पशुओं द्वारा खेतों फसल को उनसे बचाव सुरक्षा करना तथा घुमंतू आवारा पालतू पशु जो मुख्य मार्ग के सड़कों पर चौराहों पर विचरण करते हैं एकत्र बैठे रहते हैं जिस से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना तथा इनसे होने वाली दुर्घटना से जनमाल तथा पशु को बचाना रहा है।

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Rajnandgaon News Today किंतु ऐसा प्रतीत होता है कि छत्तीसगढ़ के स्थानीय निकाय शासन की योजना को क्रियान्वित करने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं ।

Rajnandgaon News Today यही कारण है कि जगह-जगह मुख्य मार्ग चाहे वह नेशनल हाईवे हो चाहे वह स्टेट आई हो या फिर शहरों के बीच के मार्ग हो सभी जगह घुमंतू फालतू एवं आवारा पशु विचरण करते घूमते तथा झुंड में बैठे दिखाई देते हैं ।
जिससे आमजन एवं आए दिन इन मार्गों पर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है एवं अनेक बार सड़कों पर आप ठीक है ना दर्दनाक एवं दुखद हादसे भी होते हैं जिसमें वाहन चालक गंभीर दुर्घटना के शिकार होते हैं वही पशु भी काल के ग्रास में समा जाते हैं।

Rajnandgaon News Today इस योजना के तहत निकाय को चाहे वह नगर निगम हो नगर पालिका नगर पंचायत में फिर ग्राम पंचायत है सभी को दायित्व सौंपा गया है कि अपने अपने क्षेत्र में इस प्रकार के पशुओं को नियंत्रित करें और उन्हें यथासंभव आसपास के गौठन पर पहुंचाने की दायित्व एवं जिम्मेदारी सौंपी गई है ।

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जिससे कि पशु एवं वहनो की दुर्घटना एवं जनमाल की दुर्घटना को नियंत्रित कर बचा जा सके ।

किंतु कोई भी निकाय अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभा रहा है यही वजह है कि पालतू पशुओं का जमवाड़ा हमेशा मार्ग बीचोबीच विचरण करते चलते या एकत्र होकर बैठे हुए दिखाई पड़ते हैं।
शासकीय योजना के तहत ग्राम पंचायत एवं शहरी स्तर पर गौठान भी बनाए गए हैं।

गोठान के निर्माण का उदेश्य यह है कि सड़कों में विचरण करने वाले पालतू पशुओं को समुचित व्यवस्था कर गोठानों तक पहुंचाया जाए और सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके ।
लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है ।

शासन के द्वारा गांधन योजना के तहत इन गोठानो में गोबर की खरीदी पहले से की जा रही है तथा अभी कुछ दिन पूर्व गोमूत्र को भी खरीदने की योजना बनी है।

यदि स्थाई निकाय अपनी जवाबदारी समझते हुए ऐसे आवारा पालतू घुमंतू पशुओं को गठन तक पहुंचाते हैं तो उनके वहां रुकने से गोबर भी प्राप्त होगा और उनके गोमूत्र को भी एकत्र किया जा सकता है ।
जिससे स्थानीय गौठान समिति तथा वहां की स्व सहायता समूह इनको गोबर और गोमूत्र की बिक्री कर लाभान्वित हो सकते हैं ।

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