Rajnandgaon Health News कम सुनने जैसी समस्या का आभास हो तो शीघ्र कराएं जांचः डॉ. चौधरी

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Rajnandgaon Health News कम सुनने जैसी समस्या का आभास हो तो शीघ्र कराएं जांचः डॉ. चौधरी

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Rajnandgaon Health News कम सुनने जैसी समस्या का आभास हो तो शीघ्र कराएं जांचः डॉ. चौधरी

Rajnandgaon Health News राजनांदगांव। सुनने (श्रवण) की समस्या यानी कान संबंधी रोगों से बचाव के उद्देश्य से जिला चिकित्सालय में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कान-नाक-गला (ईएनटी) विभाग के द्वारा श्रवण संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों का निदान और उपचार करने के साथ ही श्रवण परीक्षण किया गया। साथ ही लोगों को कान की समस्याओं से जागरूक करने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

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Rajnandgaon Health News लोगों को श्रवण संबंधी समस्या की दर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके पीछे अधिकांशतः आनुवांशिक और संक्रमण जैसे कारण होते हैं। अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा सप्ताह के अंतर्गत जिला चिकित्सालय में आयोजित स्वास्थ्य जांच एवं जागरुकता शिविर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. मिथिलेश चौधरी व नोडल अधिकारी डॉ. बीएल तुलावी मुख्य रूप से उपस्थित हुए।

Rajnandgaon Health News वहीं शिविर में ऑडियोलॉजिस्ट तृषा सिन्हा और ऑडियमैट्रिक असिस्टेंट लक्ष्मी साहू ने सेवाएं दी। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. मिथिलेश चौधरी ने कहाः कान या श्रवण संबंधी रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करना और मरीजों को उचित उपचार मिलना बहुत जरूरी है।

Rajnandgaon Health News जब भी कम सुनने जैसी समस्या का खुद में आभास हो तो शीघ्र चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। कम सुनना, कम समय के लिए बहरेपन या फिर हमेशा के लिए बहरे होने के पीछे ज्यादा तेज ध्वनियां होती हैं। ध्वनि प्रदूषण के अलावा भारी मात्रा में दवाओं के सेवन से भी बहरेपन की समस्या पैदा हो रही है।

Rajnandgaon Health News कई बार नींद न आना तथा जरूरत से अधिक सोचना एक तनाव भरे जीवन की ओर ले जाता है। यह भी कान से संबंधित रोगों में बढ़ोतरी का कारण होता है। वर्तमान दौर में ज्यादातर युवा ईयर बड्स का इस्तेमाल करते हैं, जबकि यह बेहद घातक हो सकता है।

ईयर बड्स के अधिक उपयोग से कम सुनने की परेशानी तो हो ही सकती है, कान के ईयर ड्रम भी फट सकते हैं। ईयर ड्रम फटने से हमेशा के लिए बहरापन आ सकता है।

Rajnandgaon Health News 80 डीबी से ज्यादा तेज आवाज घातक

मानव के कान 80 डीबी की ध्वनि ही बर्दाश्त कर सकते हैं। इसलिए म्यूजिक सिस्टम बेस, ईयर बड्स, ईयर फोन, तेज आवाज में टीवी देखने से परहेज करने से बहरेपन की समस्या से बचाव किया जा सकता है। बहरेपन की समस्याएं एक निश्चित समय के लिए तो दूसरी हमेशा के लिए होती है।

बहरेपन की समस्या बनी चुनौती

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बहरेपन की समस्या उम्रदराज लोगों के साथ युवाओं को भी चपेट में ले रही है। वर्तमान दौर में युवा तेज ध्वनि के साथ बेस के भी शौकीन हो चुके हैं। ज्यादातर इसी वजह से युवाओं के कानों की तकलीफें बढ़ रही हैं। इस चुनौती से निपटने में बेस म्यूजिकए डीजे आदि घातक सिद्ध हो रहे हैं।

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