Raipur News Today शिक्षक के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार की विद्यार्थी उन्हें याद करें : राजेश सिंह राणा

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Raipur News Today शिक्षक के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार की विद्यार्थी उन्हें याद करें : राजेश सिंह राणा

Raipur News Today रायपुर। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् में 05 सितम्बर को शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। संचालक राजेश सिंह राणा, अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे, संयुक्त संचालक डॉ. श्रीमती निशी भाम्बरी सहित परिषद् के समस्त अकादमिक सदस्यों ने सर्वप्रथम डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

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Raipur News Today  संचालक राजेश सिंह राणा ने अपने संबोधन में सभी को शिक्षक दिवस की बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि राज्य में 60 शिक्षकों को उनके अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कृत किया गया। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक के लिए बड़ा पुरस्कार यह है कि उनके विद्यार्थी उन्हें याद करें, अपनी कामयाबी में भी और अपनी विफलताओं में भी क्योंकि शिक्षक विद्यार्थियों की विफलताओं को सफलता में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

Raipur News Today  विद्यार्थियों द्वारा शिक्षक को याद रखा जाना शिक्षकों की सबसे बड़ी पूंजी है। आप जहाँ भी रहे अपने दायित्वों का निर्वाह पूरी आस्था के साथ करें। हमारे समाज में शिक्षक दिवस और गुरु पूर्णिमा दोनों मनाएँ जाते हैं। हमें शिक्षक के साथ-साथ गुरु भी बनना है। शिक्षक विद्यार्थियों को ज्ञान प्राप्त करने में सहायता कर उन्हें सार्थक जीवन जीने योग्य बनाता है। गुरू विद्यार्थी को अध्यात्मिक ज्ञान से जोडक़र उसका अध्यात्मिक विकास भी करता है। प्रत्येक गुरू एक शिक्षक होता है। प्रत्येक शिक्षक यह प्रयास करें कि वह सच्चे अर्थों में गुरू बने। बच्चों का समेकित विकास करते हुए उनकी समस्याओं का निदान करे।

Raipur News Today  राणा ने कहा कि परिषद् शिक्षा से जुड़े सभी पहलूओं पर कार्य करती है। इसका एक बेहतर उदाहरण (कोविड-19) के समय पढ़ई तुहर दुआर के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई करवाना है। इसके माध्यम से बच्चों की पढ़ाई में निरंतरता बनी रही। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में परिषद् व परिषद् से संबंधित संस्थाओं और उनके सदस्यों को उनके अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कृत किया जावेगा। यह सभी के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा।

एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने कहा कि माता-पिता के अलावा शिक्षक ही ऐसे होते हैं, जो बच्चों को अपने से ज्यादा सफल होते देखकर गर्व की अनुभूति करते हैं। हम सभी को अपने कार्यों के महत्व को पहचानना चाहिए। परिषद में जो भी कार्य होते हैं. उनका सार्थक प्रभाव सम्पूर्ण शिक्षा जगत पर पड़ता है। हम अपने विविध कार्यों के महत्व को जाने उनका संपादन इस तरह से करें कि एक चरित्रवान पीढ़ी उभरकर सामने आये।

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हमें हमेशा यह सोचना चाहिए कि हम अपने कार्यों को किस तरह बेहतर तरीके से अंजाम दें कि उसके सार्थक परिणाम हमें और शिक्षा जगत को प्राप्त हो। उन्होंने सभी सदस्यों को अपने कार्यों के महत्व का एहसास दिलाया। कार्यक्रम को उप संचालक श्रीमती पुष्पा किस्पोट्टा, डॉ विद्यावती चन्द्राकर और परिषद् के ललित साहू ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर डी. दर्शन ने शिक्षकों को समर्पित एक गीत प्रस्तुत किया। आभार प्रदर्शन डॉ निशी भाम्बरी ने किया। कार्यक्रम का संचालन ज्ञान प्रकाश द्विवेदी ने किया।

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