(Raipur Breaking) मुख्यमंत्री बघेल की धान खरीदी योजना से छत्तीसगढ़ के किसान बन रहे धनवान

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(Raipur Breaking) धान का कटोरा चार सालों में बन गया धान की कोठी

 

 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक और उपलब्धि पर किसानों को दी बधाई

 

(Raipur Breaking) रायपुर ! चालू खरीफ विपणन सीजन में छत्तीसगढ़ राज्य ने केंद्रीय पुल में न सिर्फ देश में सबसे ज्यादा योगदान दिया है, बल्कि देश में धान बेचने वाले कुल किसानों में छत्तीसगढ़ के किसानों की संख्या सबसे ज्यादा हो गई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने राज्य के किसानों को बधाई देते हुए कहा है कि पिछले चार सालों में छत्तीसगढ़ प्रदेश धान के कटोरे से धान की कोठी में तब्दील हो चुका है, खेती पर जागे किसानों के भरोसे के कारण ही यह चमत्कार हो पाया है।

(Raipur Breaking)  भारत सरकार द्वारा आज प्रकाशित किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में इस साल 01 करोड़ 18 लाख 17 हजार 242 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था, इनमें से 25 लाख 14 हजार 456 किसान छत्तीसगढ़ के थे। अब तक राज्य के 22 लाख 93 हजार 761 किसान धान बेच चुके हैं, जो देश में किसानों की सर्वाधिक संख्या है।

(Raipur Breaking) राज्य में 1 करोड़ 03 लाख 70 हजार 243 मीटरिक टन धान का उपार्जन अब तक किया जा चुका है। इसके एवज में राज्य के किसानों ने अब तक 19 करोड़ 93 लाख रुपए से अधिक का समर्थन मूल्य प्राप्त किया है। इन किसानों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी मिलेगा।

(Raipur Breaking) मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि उम्मीद है कि धान खरीदी की निर्धारित अंतिम तिथि 31 जनवरी तक हम 110 लाख मीट्रिक टन के अनुमानित आंकडे़ को भी पार कर जाएंगे। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते खेती-किसानी और किसानों के जीवन में सुखद बदलाव आया है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अलावा गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, किसानों की कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी से राज्य के किसानों को एक नई ताकत मिली है, जिसके चलते राज्य में किसानों की संख्या और खेती के रकबे में लगातार वृद्धि हो रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से पिछले चार वर्षों में लगातार किसानों की पंजीयन संख्या में वृद्धि हुई है। किसानों को धान विक्रय में सहूलियत हो इस लिहाज से इस साल राज्य में 135 नए उपार्जन केन्द्र शुरू किए गए, जिसके कारण कुल उपार्जन केंद्रों की संख्या 2617 हो गई है।

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