राष्ट्रपति चुनाव : भाजपा के आदिवासी पत्ते का दिखने लगा असर, द्रौपदी मुर्मू को मिल रहा भारी समर्थन

राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के रूप में भाजपा की ओर से खेले गए आदिवासी कार्ड का असर दिखना शुरू हो गया है। मुर्मू की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद विपक्ष में दरार पड़नी शुरू हो गई है। इस क्रम में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और जदएस ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जगह मुर्मू को समर्थन देने का मन बना लिया है। दोनों दल जल्द ही इस आशय की आधिकारिक घोषणा करेंगे।

मुर्मू की उम्मीदवारी के बाद कभी भाजपा के सबसे पुराने सहयोगियों में शामिल रहा शिरोमणी अकाली भी असमंजस की स्थिति में है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी भी स्पष्ट निर्णय नहीं ले पा रही है। अकाली दल के सूत्रों के मुताबिक पार्टी संभवत: अगले सप्ताह इस संदर्भ में निर्णय लेगी और पार्टी का निर्णय मुर्मू को समर्थन देने का होगा।

फैसला तय बस घोषणा बाकी
झामुको और जदएस दोनों सैद्धांतिक तौर पर मुर्मू का समर्थन करने पर सहमत हैं। बस इसकी आधिकारिक घोषणा की औपचारिकता ही बाकी है। इस संदर्भ में जदएस के मुखिया एचडी देवगौड़ा ने पार्टी में शीर्ष स्तर पर मुर्मू को समर्थन करने के अपने फैसले से अवगत करा दिया है। यही स्थिति झामुमो की है। झामुमो सूत्रों का कहना है कि पार्टी के स्तर पर मुर्मू को समर्थन देने का फैसला हो चुका है। खासबात यह है कि झामुमो ने इससे पहले यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन किया था। पार्टी विपक्ष की उस बैठक में भी शामिल थी, जिसमें सिन्हा को विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार बनाने का फैसला किया गया था।

 

मुर्मू की जमीनी समस्याओं की समझ असाधारण : मोदी

पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने द्रौपदी मुर्मू से बृहस्पतिवार को मुलाकात की। मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए मुर्मू के नाम की घोषणा की सभी ने प्रशंसा की है। एक ट्वीट में मोदी ने कहा, भारत के विकास और जमीनी समस्याओं की उनकी समझ और दृष्टि असाधारण है। वहीं, शाह ने कहा कि मुर्मू के प्रशासनिक और सार्वजनिक जीवन के अनुभव का पूरे देश को लाभ होगा। शाह ने कहा कि आदिवासी समाज मुर्मू के नाम की घोषणा से गौरवान्वित है।

राष्ट्रपति पद की राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू नामांकनपत्र दाखिल करने के लिए बृहस्पतिवार को भुवनेश्वर से दिल्ली पहुंचीं। उनका नामांकनपत्र संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी के आवास पर तैयार हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य वरिष्ठ नेता उनके प्रस्तावक होंगे। मुर्मू की जीत पक्की मानी जा रही है, क्योंकि नीतिश कुमार की अगुवाई वाले जदयू ने भी उन्हें समर्थन देने की घोषणा कर दी है।

बड़ी जीत की चुनौती
द्रौपदी मुर्मू के सामने मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से बड़ी जीत हासिल करने की चुनौती होगी। बतौर विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा उपविजेता रह कर वोट के मामले में बीते चुनाव में उपविजेता रहीं मीरा कुमार का कीर्तिमान तोड़ सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में किस उम्मीदवार को कितने वोट मिलेंगे, इसका सटीक अनुमान लगाना फिलहाल कठिन है। इसका कारण यह है कि अकाली दल, आम आदमी पार्टी, टीआरएस सहित कई विपक्ष दलों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में शिवसेना में बगावत भी एक कारण है। मुर्मू की उम्मीदवारी से झारखंड मुक्ति मोर्चा भी पशोपेश में है।

संघ परिवार ने कहा, आम सहमति बने

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम ने बृहस्पतिवार को राजनैतिक दलों से कहा कि मुर्मू को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुनकर देश के 12 करोड़ से ज्यादा आदिवासी परिवारों के प्रति एकजुटता व प्रतिबद्धता दिखाएं। वनवासी कल्याण आश्रम के एक पदाधिकारी ने कहा, आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद के लिए नामित करना एनडीए का ऐतिहासिक फैसला है।

रामनाथ कोविंद को मिल सकता है पासवान वाला बंगला
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान तीन दशक से अधिक समय तक जिस बंगले में रहे, वह राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा होने के बाद रामनाथ कोविंद का नया आवास हो सकता है। वर्ष 2020 में निधन से पूर्व तक पासवान इसी बंगले में रहे।  सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि 12 जनपथ स्थित बंगले को कोविंद के लिए तैयार किया जा रहा है।

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