PM MODI : प्रधानमंत्री ने ‘यशोभूमि’ के पहले चरण राष्ट्र को किया समर्पित

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PM MODI :  प्रधानमंत्री ने ‘यशोभूमि’ के पहले चरण राष्ट्र को किया समर्पित

PM MODI :  नयी दिल्ली !   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के द्वारका में भारत अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और एक्सपो केन्द्र ‘यशोभूमि’ के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया।

PM MODI  ने आज इसी के साथ ही विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ भी शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा लोगो, टैगलाइन और पोर्टल भी लॉन्च किया। उन्होंने इस अवसर पर एक कस्टमाइज्ड स्टाम्प शीट, एक टूल किट, ई-बुकलेट और वीडियो भी जारी किया। उन्होंने 18 लाभार्थियों को विश्वकर्मा प्रमाण पत्र वितरित किए।

PM MODI :  प्रधानमंत्री ने आयोजन स्थल पर पहुंचने के बाद प्रदर्शनी ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ और ‘नई प्रौद्योगिकी’ का अवलोकन किया और यशोभूमि के 3डी मॉडल का भी निरीक्षण किया। इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने द्वारका सेक्टर-21 से एक नए मेट्रो स्टेशन ‘यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25’ तक दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री लोगों को विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्पित है। उन्होंने देश भर के लाखों विश्वकर्मा से जुड़ने का अवसर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने प्रदर्शनी का दौरा किया और कारीगरों और शिल्पकारों के साथ बातचीत करने के शानदार अनुभव पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लाखों कारीगरों और उनके परिवारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना आशा की किरण बनकर आ रही है।

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और एक्सपो केन्द्र ‘यशोभूमि’ के बारे में प्रधानमंत्री ने इस उत्कृष्ट सुविधा केन्द्र निर्माण में श्रमिकों और विश्वकर्माओं के योगदान को स्वीकार किया। उन्होंने कहा,“ आज मैं देश के हर श्रमिक को, हर विश्वकर्मा साथी को यशोभूमि समर्पित करता हूं।” उन्होंने कार्यक्रम से जुड़े विश्वकर्माओं से कहा कि ‘यशोभूमि’ उनके कामों को विश्व और वैश्विक बाजारों से जोड़ने वाला जीवंत केंद्र बनने जा रही है।

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उन्होंने कहा कि देश के रोजमर्रा के जीवन में विश्वकर्मा के योगदान महत्वपूर्ण बना रहेंगा, चाहे प्रौद्योगिकी में कितनी भी प्रगति क्यों न हुई हो। यह समय की मांग है कि विश्वकर्मा को मान्यता और सहायता मिले।

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