Petrol or diesel छोटी सी डिवाइस बनेगी जासूस, पुणे की फर्म को मिला अमेरिकी पेटेंट
Petrol or diesel नई दिल्ली. पेट्रोल या डीजल की चोरी रोकने अब पुणे की एक कंपनी ने इंटेंगल्स लैब ने ऐसी डिवाइस तैयार की है जो पेट्रोल डीजल की हर तरह की चोरी को चुटकियों में पकड़ लेगी. इस डिवाइस के लिए कंपनी को यूएस पेटेंट एंड ट्रेडमार्क ऑफिस से पेटेंट भी मिल गया है. कंपनी के अनुसार एक महीने में दो लाख लीटर की चोरी इस डिवाइस के जरिए पकड़ी गई. वहीं तीन महीने में करीब 1 मिलियन लीटर फ्यूल की चोरी को रोका गया है.इस डिवाइस के जरिए कितना और कहां से पेट्रोल डीजल डलवाया गया है इसकी रियल टाइम जानकारी यूजर के सामने होगी.
Petrol or diesel हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के को फाउंडर और हैड ऑफ एनालिटिक्स अमन सिंह ने बताया कि यदि बड़े कमर्शियल वाहनों की बात की जाए तो 40 टन ट्रक या 50 टन ट्रक ज्यादा माइलेज नहीं देता है और ये 2 से 3 किमी. एक लीटर में चल पाता है. ऐसे में ट्रक ऑपरेटर्स को डीजल की चोरी से बड़ा नुकसान होता है.
.अमन ने बताया कि डीजल की चोरी आम तौर पर दो तरीकों से होती है. एक तो ट्रक ड्राइवर्स ही इसको करते हैं. उदाहरण के लिए वे 100 लीटर डीजल व्हीकल में फिल करवाते हैं और 200 लीटर का बिल लेते हैं. ऐसे में ट्रक ऑपरेटर को सीधे तौर पर 100 लीटर का नुकसान होता है. वहीं दूसरा तरीका पेट्रोल पंप पर किया जाता है. इसमें 100 लीटर की जगह पंप की तरफ से केवल 90 लीटर का ही फ्यूल डाला जाता है. लेकिन मीटर पूरा 100 लीटर दिखाता है.
Petrol or diesel अमन ने बताया कि हमारी डिवाइस फ्लीट ऑपरेटर्स को सही जानकारी देगी कि गाड़ी में कितना पेट्रोल डलवाया गया है. ये एक एक्सटर्नल डिवाइस होगी जिसके सेंसर्स फ्यूल टैंक के अंदर होंगे. ये सेंसर्स फ्यूल की सही मात्रा की जानकारी को रिकॉर्ड करेंगे. ये पूरी जानकारी मोबाइल पर रियल टाइम में फ्लीट ऑपरेटर के पास पहुंचेगी. इसमें कितना फ्यूल ट्रक में डलवाया गया, किस लोकेशन या पंप पर डलवाया गया और कितने रुपये का फ्यूल डला, इस संबंध में पूरी जानकारी मिलेगी.
अमन के अनुसार फिलहाल तो इस डिवाइस को कमर्शियल व्हीकल के लिए डिजाइन किया गया है लेकिन इसका उपयोग पैसेंजर वाहनों में भी किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि पैसेंजर व्हीकल के लिए अलग से भी एक डिवाइस को डवलप किया जा रहा है जो जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी