TB मधुमेह और उच्च रक्तचाप की भी हो रही जांच
TB राजनांदगांव। TB (क्षय) रोग पर नियंत्रण के उद्देश्य से जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में सघन सर्वे अभियान चलाया जा रहा है !
जिसके अंतर्गत TB के संभावित मरीज को चिन्हित करने के लिए सभी आयु वर्ग के लोगों की जांच की जा रही है। रोग की पुष्टि होने की स्थिति में नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में पीड़ित का उपचार भी शुरू कराया जाएगा।
TB मुक्त बनाने के उद्देश्य से किए जा रहे प्रयास
छत्तीसगढ़ को वर्ष 2023 तक TB मुक्त बनाने के उद्देश्य से किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में राजनांदगांव जिले में भी लगातार जन-जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
इसी कड़ी में जेल, खदान, आश्रय गृह व अन्य संवेदनशील जगहों के साथ ही गांव तथा शहर की विशेषकर मलिन बस्तियों में टीबी रोगी के चिन्हांकन के लिए 20 जून से सघन सर्वे किया जा रहा है, जो कि 29 जुलाई तक चलेगा।
टीबी रोगियों को चिन्हित करने के लिए शुरू किए सघन सर्वे में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों को डॉ. प्रदीप टंडन, राज्य प्रोग्राम मैनेजर (शहरी) द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया गया है।
यह पूरी कवायद डॉ. प्रियंका शुक्ला, एमडीए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नेतृत्व में की जा रही है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने बतायाः टीबी मरीजों का उपचार सभी शासकीय चिकित्सालयों व स्वास्थ्य संस्थाओं में निःशुल्क किया जाता है।
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उपचार की अवधि 6 से 9 माह तक की रहती है। टीबी रोग से निजात पाने के लिए उपचार के अंतर्गत नियमित रूप से प्रतिदिन दवाइयों का सेवन किया जाना अनिवार्य है।
दवाइयों के नियमित सेवन करने से मरीज शत-प्रतिशत टीबी बीमारी से रोगमुक्त हो जाता है। आगे उन्होंने बतायाः मौखिक सर्वे में टीबी खोज के लिए परिवार के सभी सदस्यों की जांच की जा रही है।
टीबी रोग के लक्षण मिलने या टीबी रोग होने की पुष्टि होने पर पीड़ित को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए भेजा जाएगा। तीस वर्ष से अधिक उम्र के सदस्यों की मधुमेह और उच्च रक्तचाप की जांच भी टीम द्वारा की जा रही है।
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वहीं जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अल्पना लुनिया ने बतायाः सघन सर्वे के दौरान लोगों को विशेष रूप से यह बताया जा रहा है कि मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में क्षय रोग या टीबी होने का जोखिम तीन गुणा अधिक होता है,
इसलिए समय-समय पर मधुमेह और उच्च रक्तचाप की जांच कराते रहना चाहिए।
सस्टैनबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के अनुसार टीबी का उन्मूलन वर्ष 2030 तक करना है,
जबकि भारत ने यह लक्ष्य वर्ष 2025 तक रखा है। वहीं छत्तीसगढ़ ने यह लक्ष्य वर्ष 2023 रखा है।
इस बारे में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला सलाहकार (डीपीसी) भूषण साहू ने बतायाः टीबी रोग से बचाव हेतु सभी आयु वर्ग के लोगों की जांच तथा 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की मधुमेह और उच्च रक्तचाप की भी जांच की जा रही है।
इस दौरान समुदाय के बीच टीबी रोग के कारणए लक्षण तथा इससे बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार किया जा रहा है।
एक दिन में 25 घरों तक पहुंचने का लक्ष्य
सर्वे के लिए दो सदस्यों वाली टीमों का गठन किया गया है जिसमें एक एएनएम और दूसरा मितानिन, टीबी मित्र या किसी एनजीओ के सदस्य हैं। एक सर्वेक्षण दल एक दिन में कम से कम 25 घरों तक पहुंच रहा है।
बाकी जगहों पर 50 से 100 व्यक्तियों की जांच की जा रही है। इस दौरान टीबी रोग से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि सर्वे टीमों को कार्य करने में दिक्कत न हो और समुदाय का सहयोग भी मिले।