Pathalgaon latest news : आज से धारा 302,307 और 420 बन जाएगी इतिहास
Pathalgaon latest news : पत्थलगांव । 3 नए परिवर्तित कानूनों का क्रियान्वयन समारोह आज सोमवार को पत्थलगांव थाने में आयोजित किया गया। उक्त समारोह में वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ समैया जैन,वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन यादव,थाना प्रभारी विनीत पांडे, एएसआई मिथलेश यादव,यातायात प्रभारी जोशीक राम कुर्रे,हरजीत भाटिया,अनिल मित्तल,चमर साय एक्का,हरगोविंद अग्रवाल,अंकित बंसल,अवधेश गुप्ता,पत्रकार नीरज गुप्ता,श्याम चौहान,जितेंद्र गुप्ता,मुकेश अग्रवाल,दिपेश रोहिला,हर्षित मित्तल,सुरेश साहू समेत सैकड़ो अन्य मौजूद रहे।वहीं समारोह के अंत में सभी राष्ट्रगान में भी शामिल हुए।
Pathalgaon latest news : दरअसल ज्ञात हो कि 1860 भारतीय दंड संहिता आईपीसी में सरकार ने 16 दशक बाद 2023 में व्यापक बदलाव किया है। जिसमें सिर्फ धाराएं ही नहीं बदलीं बल्कि सजा और जुर्माने के प्रावधान में भारी भरकम बदलाव किया गया है,आने वाले समय में लोगों की जुबान पर रटी जाने वाली धारा 302 हत्या अब 103 (1), ठगी या धोखाधड़ी 420 अब 118 (4),चोरी 379 अब 303 (2) व दुष्कर्म 376 आईपीसी अब 64 बीएनएस के अंर्तगत कही जाएगी। आने वाले समय में अब इंडियन पैनल कोड आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता बीएनएस, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बीएनएसएस और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम होगा।
Pathalgaon latest news : इस समारोह के दौरान अधिवक्ता सौरभ समैया जैन ने बताया कि 1860 की आईपीसी आने वाले दिनों में गुजरे हुए जमाने की तरह हो जाएगी, क्यों कि एक जुलाई से सरकार बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) लागू कर रही है। आईपीसी में 511 धारा थी, जबकि बीएनएस में 358 धारा है। 175 धाराएं समाप्त कर दी गई है एवं कुछ नई धाराएं जोड़ी गई हैं। इसी तरह सीआरपीसी में पूर्व में 484 धाराएं थी अब 531 धाराएं हो गई हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ समैया जैन ने कहा कि हर व्यक्ति आज के युग में मोबाइल का उपयोग करता है कोई भी व्यक्ति इलेक्ट्रानिक माध्यम से पुलिस तक सूचना पहुंचा सकता है मगर 3 दिनों के भीतर व्यक्ति को थाना आकार हस्ताक्षर करना बाध्य होगा एवं अन्य कई विषयों पर कानूनों की जानकारी वरिष्ट अधिवक्ता सौरभ समैया जैन एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन यादव द्वारा नागरिकों को दी गई।
वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन यादव– समय के साथ साथ अपराधों के तरीकों में भी बदलाव आए हैं,ऐसे में आई पी सी में बदलाव का निर्णय सही है,बदलते हुए सामाजिक अपराधों,महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध अपराध,हत्या तथा राष्ट्र के विरुद्ध अपराध को प्राथमिकता दी गई है।