PATANA नहीं रही हाई कोर्ट की पहली महिला जज, जिनके एक फैसले से…क्या हुआ था जानने के लिए पढ़िये पूरी खबर

She was a judge for 17 years, having the distinction of being the first woman judge of the Patna High Court, one of the oldest high courts in India.

PATANA : भारत के सबसे पुराने उच्च न्यायालय में से एक पटना उच्च न्यायालय की पहली महिला जज नियुक्त होने का गौरव पाकर 17 वर्ष तक जज रहीं

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Justice Induprabha सिंह का पटना में देहांत हो Justice Induprabha जस्टिस इंदुप्रभा सिंह एलएलबी करने के पश्चात् वर्ष 1971 में पटना उच्च न्यायालय बार की सदस्य बनीं थीं। इसके बाद 5 वर्ष तक उच्च न्यायालय में सरकार की पैरवी की, यानी सरकार की स्टैंडिंग काउंसलर रहीं।

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वही वर्ष 1990 में Justice Induprabha सिंह का चयन जजशिप के लिए हो गया। राष्ट्रपति ने 10 जुलाई 1990 को उनको पटना उच्च न्यायालय का जज नियुक्त किया तो इतिहास बन गया।

उन्होंने पटना उच्च न्यायालय की पहली महिला जज के तौर पर शपथ ली। पंचायती राज और अनुचित की परिभाषा तय कर उनकी समाप्ति को लेकर कई ऐतिहासिक एवं मील के पत्थर माने जाने वाले फैसले दिए।

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तत्पश्चात, Justice Induprabhaसिंह 1 सितंबर 2007 को सेवानिवृत्त हो गईं थीं। जस्टिस सिंह को बिहार के मधेपुरा लोकसभा सीट पर चुनाव आयोग को फिर से मतगणना कराने के निर्देश देने वाले निर्णय के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

Lalu Prasad Yadav was defeated in this election. The same decision of his is remembered by every person of Bihar.

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