अनिता गर्ग
Paddy purchased एक ट्रेक्टर में भरा अवैध धान किया जप्त
Paddy purchased लैलूंगा ! रायगढ़ जिले के विकास खण्ड लैलूंगा के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्या. राजपुर पंजीयन क्रमांक 101 में दिनांक 09 नवम्बर 2022 को समय लगभग 4 :30 बजे तहसीलदार लैलूंगा प्रेमा मिंज को मुखबिर से सूचना प्राप्त होने पर लैलूंगा के तहसीलदार ने मौके पर जाकर देखा तो लालरंग की महिन्द्रा ट्रेक्टर में राजपुर मण्डी से लगभग 74 नग जूट के बोरी में संदिग्ध हालत में धान को उपरोक्त ट्रेक्टर में लादकर किसी अन्यत्र स्थान पर खपाने के नियत से अवैध रूप से परिवहन किया जा रहा था ।
Paddy purchased जिसकी पूछताछ करने पर राजपुर मण्डी के प्रबंधक विजय बेहरा के द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं देने पाने के कारण लैलूंगा तहसीलदार ने माल सुदा ट्रेक्टर को जप्त कर कोड़ासियाँ मण्डी में ले जाकर मय माल सुपर्द नामे में देकर विधिवत कार्यवाही किया गया है । गौरतलब हो कि अभी कुछ ही दिन पूर्व में छत्तीसगढ़ शासन ने कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को संपूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश के सहकारी समितियों में अध्यक्ष – उपाध्यक्ष के पद पर नमोनित कर संचालक मण्डल का गठन किया गया है ।
Paddy purchased जिसके चंद दिनों के बाद ही यदि समिति के प्रबंधक तथा अध्यक्ष के द्वारा इस प्रकार के धान की अफरा – तफरी करने का मामला प्रकाश में आया है । अब यह देखना होगा कि संदिग्ध हालत में जप्त किए गये ट्रेक्टर एवं ट्रेक्टर में रखे गये लगभग 74 बोरियों रखे गये धान का अफरा – तफरी करने वाले राजपुर समिति के प्रबंधक विजय कुमार बेहरा पर क्या कार्यवाही कि जाती है, यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा ।
Paddy purchased कहीं ऐसा तो नही कि लैलूंगा तहसीलदार राजनीतिक दबाव के कारण कार्यवाही में हीलाहाली कर उपरोक्त मामले को रफादफा न कर दे इस बात की चर्चा जोरों से नगर सहित आम बाजारों देखी जा रही है । बताया जा रहा है कि विजय बेहरा पूर्व से धान खरीदी के विभिन्न मामलों में हमेशा विवादों में घिरे रहना इनकी फितरत में है ।
वहीं सूत्रों का कहना प्रबंधक विजय कुमार बेहरा और राजपुर मण्डी के नव नियुक्त अध्यक्ष जुगलाल भगत कार्यवाही के डर से लैलूंगा क्षेत्र के विधायक चक्रधर सिंह सिदार के निवास ग्राम कटकलिया जाकर विधायक से लैलूंगा तहसीलदार को राजनीतिक दबाव बनवाने के कुत्सित प्रयास करने में रत्ती भर भी पीछे नहीं हट रहें हैं ।
आपको बता दें कि धान खरीदी सीजन वर्ष 2022-23 का यह रायगढ़ जिले का पहला मामला है । सबसे मजेदार बात तो यह है कि कौन नेता कितना राजनीतिक दबाव बना पाते हैं ट्रेक्टर को छुड़ाने में इसे तो वक्त ही तय करेगा।