online exam अब जारी हो रहा है ऑनलाईन परीक्षा का सही परिणाम

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online exam अब जारी हो रहा है ऑनलाईन परीक्षा का सही परिणाम

online exam चारामा। शहीद महेन्द्र कर्मा विश्व विद्यालय बस्तर जगदलपुर के बीएससी अंतिम वर्ष और बी. कॉम प्रथम द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के परीक्षा परिणाम ने एक बार फिर छात्रो को निराशा ही हाथ लगी है या यह कह सकते है कि कोरोना काल में ऑनलाईन परीक्षा का सही परिणाम अब जारी हो रहा है।

जहाँ ऑफलाईन में सैकड़ों परीक्षार्थियो में गिने चुने छात्र ही पास हो रहे है, वही यही छात्र कोरोना काल में ऑनलाईन परीक्षा मे 70 से अधिक प्रतिशत् प्राप्त कर रहे थे। छात्र महाविद्यालय की पढ़ाई को इतनी आसान समझने लगे थे कि कई छात्रो ने अपने पेपर में हिन्दी और छत्तीसगढ़ी गानो के साथ पारिवारिक सामाजिक घटना प्रश्नो के उत्तर मे लिखकर परीक्षा दिलाई, छात्र यह भुल गये कि जब शिक्षक उनका यह पेपर जाँच करेंगे तो उन्हें क्या अंक प्राप्त होगा। वर्ष 2022-23 शिक्षा सत्र में शहीद महेन्द्र कर्मा विश्व विद्यालय बस्तर जगदलपुर में चारामा महाविद्यालय के परीक्षा परिणाम से छात्रो और शिक्षको दोनो को निराशा हाथ लगी।

हालाकि छात्र विश्वविद्यालय पर घटिया परीक्षा परिणाम घोषित करने का आरोप लगा रहे है। लकिन सच तो यह है कि जब छात्र ही पेपर में सही प्रश्न के उत्तर देगे ही नही तो उन्हें नम्बर कहाँ से मिलेंगा और जब नम्बर ही नही मिलेगे तो प्रतिशत् कहाँ से अच्छा आयेगा।

इस शिक्षा सत्र मे चाराम महाविद्यालय मे बीकॉम प्रथम वर्ष में 40 नियमित और 13 नॉन-कालेज कुल 53 छात्रो मे से सिर्फ 05 छात्र ही उत्तीर्ण हुए और सभी 05 छात्र नियमित छात्र है। वही 09 छात्र सप्लीमेंट्री और 29 छात्र फेल हुए। यही बीकॉम द्वितीय वर्ष मे नियमित 58 और नॉन कालेज 09 छात्र कुल 67 छात्रो मे सिर्फ 07 छात्र पास हुए सभी नियमित छात्र है 03 सप्लीमेंट्री और 46 छात्र फेल हुए है। वही बीकॉम अंतिम वर्ष मे कुल 56 छात्रो मे 44 नियमित और 12 नॉन कालेज छात्रो मे सिर्फ 06 छात्र पास 12 सप्लीमेंट्री और 29 छात्र फेल हुए। सभी 06 छात्र नियमित छात्र है।

इस आधार पर बीकॉम प्रथम द्वितीय और तृतीय दोनो वर्ष का परीक्षा परिणाम महाविद्यालय में 10 प्रतिशत के आस पास रहा। वही बीएससी अंतिम वर्ष मे कुल 343 छात्र सम्मिलित हुए थे जिसमे 200 छात्र नियमित और 143 छात्र अनियमित सम्मिलित हुए थे जिसमे महज 84 छात्र ही पास हो पाये और 51 सप्लीमेंट्री रहे। जिसमे 66 छात्र नियमित शामिल है। और पास का प्रतिशत महज 24 प्रतिशत रहा। इस परिक्षा परिणाम को किसी भी दृष्टिकोण से संतुष्टि पुर्ण श्रेणी में नही रखा जा सकता है।

जबकि चारामा महाविद्यालय मे बीकॉम विषय के लिए 03 रेगुलर प्रोफेसर होने के बाद भी परिणाम का निम्न श्रेणी में आना भी उन प्रोफेसरों के शिक्षकीय कार्य और महाविद्यालय के प्रबंधन पर कई सवाल उठाता है। अगर पुरे विश्व विद्यालय की बात करे तो इस शिक्षा सत्र में बीकॉम प्रथम वर्ष का परिक्षा परिणाम 20 प्रतिशत द्वितीय वर्ष का 26 प्रतिशत और तृतीय वर्ष का 29 प्रतिशत और बीएससी तृतीय वर्ष का 29 प्रतिशत रहा। यानि पुरे विश्व विद्यालय का परिणाम ही निम्न श्रेणी का रहा है।

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इस परिक्षा परिणाम पर विश्व विद्यालय के साथ साथ महाविघालय और उन छात्रो को चिंतन करने की आवश्यक्ता है।शासन लाखो रूपये प्रतिमाह इन छात्रो को शिक्षा देने में खर्च कर रही है लेकिन शासन को अगर उनके खर्च के अनुरूप परिणाम नही मिल पा रहा है तो शासन को भी विश्वविद्यालय से लेकर महाविद्यालय मे सुधार करने की आवश्यक्ता है। वही महाविद्यालयों में शिक्षकों और छात्रो की जवाबदारी भी तय करनी होगी, ताकि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के परिणामों में सुधार हो सके।

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