Old Pension Scheme पुरानी पेंशन योजना बहाल लेकिन संविलियन शिक्षको का भविष्य अब तक तय नही

Old Pension Scheme

Old Pension Scheme जिले में 140, प्रदेशभर में 14 से 18 हजार शिक्षको का भविष्य अधड़ में

Old Pension Scheme गरियाबंद – राज्य शासन ने सरकारी कर्मचारियों की मांग तो पूरी करते हुए पुरानी पेंशन योजना तो बहाल दी कि लेकिन संविलियन के बाद नियमित हुए एलबी संवर्ग के शिक्षको का भविष्य अब तक तय नही हुआ है। इसके चलते उन्हे इस पेंशन योजना का लाभ नही मिल रहा। स्कुल शिक्षा विभाग में साल 1998-99 व इसके पूर्व भर्ती होने वाले रिटायर्ड शिक्षको को पेंशन नही मिल रहा है, हाल में ही रिटायर्ड शिक्षक भी इसके लाभ से वंचित है। कई ऐसे शिक्षक है जिनकी मृत्यु हो गई है उनके स्वजनो भी पेंशन का लाभ नही मिल रहा है। इधर शासन स्तर पर अब तक यह स्पष्ट भी नहीं हुआ है कि एलबी संवर्ग के शिक्षको को पेंशन योजना का लाभ मिलेगा भी या नही। इसके चलते प्रदेश भर के 14 से 18 हजार एलबी शिक्षक इस योजना के लाभ से वंचित हो रहे है। उनका भविष्य अधड़ मंे है।

Old Pension Scheme दरअसल राज्य सरकार ने 2004 के बाद नियुक्त हुए सभी सरकारी कर्मचारियो के लिए पुरानी पेंशन योजना लागु करने की घोषणा की है। लेकिन संविलियन शिक्षक एलबी की नियुक्ति 2004 के पहले हुई थी, 2018 में उनके संविलियन के बाद वे सरकारी कर्मचारी बने। यही आकर उनका पेंच फस गया। क्यो कि इनकी नियुक्ति 2004 के पहले हुई और संविलियन 2018 में है। यहां संविलियन शिक्षको के पूर्व की सेवा अवधि शून्य कर दी है। जिससे वे पात्रता श्रेणी से बाहर हो गए है।

Old Pension Scheme इस संबंध में छत्तीसगढ़ शिक्षक कल्याण संघ जिला गरियाबंद के जिला अध्यक्ष छगन पचबिए, ब्लाक अध्यक्ष सुरेन्द्र परिहार ने बताया कि शासन द्वारा गंभीरता से ध्यान से नही देने के कारण 2004 के पूर्व नियमित पद के विरूद्ध साल 1998-99 में भर्ती शिक्षाकर्मी वर्तमान एलबी संवर्ग के शिक्षक, जिनका संविलियन 2018 में हो चुका है, ऐसे शिक्षक जिनकी मृत्यु हो चुकी है और जो शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके है उनके और उनके परिवार को पुरानी पेंशन का किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है। वही बहुत से शिक्षक सेवा निवृत्त के कगार पर है। शासन ने जल्द ध्यान नही दिया तो वे भी पेंशन से वंचित हो जायेंगे।

जिला अध्यक्ष छगन पचबिए, संजीव साहू, होरीलाल साहू ने इस संबंध में राज्य शासन से त्वरित निर्णय लेेने की मांग करते हुए कहा कि साल 1952-53 में जनपद शालाओं में भर्ती शिक्षकों को साल 1963 में संविलियन होने के बाद भी पुरानी पेंशन का पूरा लाभ मिल रहा है। इसी प्रकार 2004 के पूर्व भर्ती दैनिक वेतनभोगी, कार्यभारित कर्मचारी जिनका शासकीयकरण 2008 में हुआ उनके परिवार को, स्वयं को, मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति के पश्चात् पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है, तो एलवी संवर्ग के शिक्षको को भी इसका लाभ दिया जा सकता है।

Old Pension Scheme उन्होने कहा कि 1998-99 के शिक्षकों का नवीन पेंशन में (एनपीएस) जमा राशि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के तहत मांग करेगी तो केन्द्र सरकार उक्त संवर्ग के कर्मचारियों की राशि देने बाध्य होना पड़ेगा, क्योंकि भारत सरकार पेंशन सेवानियम 1972 के तहत उक्त 1998-99 के पूर्व भर्ती समस्त संवर्ग पेंशन के योग्य है और पेंशन के समस्त सकल लाभ जैसे पेंशन ग्रेजयुटी, उपादान, अवकाश, नगदीकरण, के पात्र है। क्योकि हमारी भर्ती 2004 के पूर्व की है और उस समय पुरानी पेंशन योजना लागू था तो जिस तरह से दैनिक वेतनभोगियों की राशि वापस हुई है, हमारी भी हो सकती है। यदि छ.ग. सरकार जीपीएफ खाता खोलकर 1998-99 के शिक्षकों का एन.पी.एस. की राशि को जीपीएफ खाता में हस्तातंरित करती है, तो लगभग साढ़े सात सौ करोड़ (750 करोड़) सरकार के जीपीएफ खाते में जमा होगी।

शिक्षको ने मांग की है कि राज्य सरकार इस संबंध में त्वरित निर्णय ले, क्यो कि सरकार की पुरानी पेंशन की घोषणा तब तक पूरा नहीं होगा जब तक सभी कर्मचारियों को पूरानी पेंशन का पूरा लाभ न मिले।
फोटो – जिला अध्यक्ष छगन पचबिए, ब्लाक अध्यक्ष सुरेन्द्र परिहार।

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