Odisha politics : नवीन पटनायक के सबसे भरोसेमंद वी. के. पांडियन ने सक्रिय राजनीति से लिया सन्यास

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Odisha politics :  नवीन पटनायक के सबसे भरोसेमंद वी. के. पांडियन ने सक्रिय राजनीति से लिया सन्यास

 

Odisha politics : भुवनेश्वर !   ओडिशा में महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में नौकरशाह से राजनेता बने और निवर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सबसे भरोसेमंद वी. के. पांडियन ने रविवार को सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की।


श्री पांडियन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड वीडियो संदेश में कहा, “मेरी बहुत ही साधारण परिवार और छोटे से गांव की पृष्ठभूमि रही है। बचपन से ही सपना था कि मैं एक आईएएस अधिकारी बनूँ और लोगों की सेवा करूँ। केंद्रपाड़ा में अपने परिवार की वजह से मैं ओडिशा आया और विभिन्न स्थानों पर अपने काम के दौरान मैंने कड़ी मेहनत करने की कोशिश की। प्रदेश के लोगों से अपार प्यार मिला।”


Odisha politics : उन्होंने कहा, “बारह वर्ष पहले मैं मुख्यमंत्री कार्यालय में शामिल हुआ था, और  पटनायक के साथ काम करना मेरे लिए सम्मान की बात थी। मुख्यमंत्री की मुझसे अपेक्षा थी कि मैं राज्य में शिक्षा, खेल, बुनियादी ढाँचे , मंदिर और विरासत परियोजनाओं के क्षेत्र में उनके विजन को लागू करूँ। शायद यह मेरी कमियां रही हैं कि मैं सही समय पर कुछ राजनीतिक परिस्थितियों से प्रभावी ढंग से नहीं निपट सका।”


उन्होंने दोहराया कि वह 2024 के चुनावों से पहले अपने गुरु पटनायक की मदद करने के लिए राजनीति में आये थे।उन्होंने कहा , “मुझे किसी विशेष राजनीतिक पद की कोई इच्छा नहीं थी। इसलिए मैं न तो उम्मीदवार था और न ही पार्टी किसी पद पर था। आज तक, मेरे पास केवल वही संपत्ति है जो मुझे अपने दादा से विरासत में मिली है, और न ही मेरे या मेरे परिवार के किसी सदस्य के पास दुनिया में कहीं भी कोई संपत्ति है। राजनीति में आने का मेरा इरादा केवल श्री पटनायक की मदद करना था और अब मैंने खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने का फैसला किया है।”


Odisha politics :  उन्होंने कहा , “मैं उन लाखों बीजू परिवार के सदस्यों का दिल से आभार व्यक्त करता हूं, जिनसे मैं जुड़ा था। मैं ओडिशा और अपने गुरु नवीन बाबू को हमेशा अपने दिल के केंद्र में रखूंगा। जय जगन्नाथ।”


गौरतलब है कि श्री पांडियन ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई केंद्रीय नेताओं की आलोचना के केंद्र में थे। भाजपा ने उन पर निशाना साधते हुए उन पर श्री पटनायक को बंधक बनाकर राज्य में पार्टी और प्रशासन चलाने का आरोप लगाया। भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने राज्य के लोगों के समक्ष यह भी सवाल उठाया कि क्या वह चाहते हैं कि प्रदेश को कोई निर्वाचित प्रतिनिधि चलाये या कोई बाहरी तमिल बाबू।


Odisha politics :  पटनायक ने हालांकि शनिवार को एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में श्री पांडियन के खिलाफ आलोचनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्हें एक बेहतरीन और ईमानदार व्यक्ति बताया। उन्होंने यहां तक दोहराया कि वह (श्री पांडियन) उनके उत्तराधिकारी नहीं होंगे, जैसा कि विपक्षी दलों ने दावा किया है और कहा कि प्रदेश की जनता ही राजनीति में उनके उत्तराधिकारी का फैसला करेगी।

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अंतत: पांडियन की सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा से बीजद में उनकी भविष्य की भूमिका को लेकर राजनीतिक अटकलों पर विराम लग गया।

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