हरिशंकर व्यास
NRI Hindus नफरत है अंधा-मूर्ख बनाने का केमिकल
NRI Hindus सोचें, ब्रिटेन में बसे हिंदुओं पर! कहते हैं और मैं भी मानता रहा हूं कि एनआरआई हिंदू पढ़े-लिखे-बुद्धिमान और पुरुषार्थी हैं। समझदार व सभ्य इंसान हैं। वे हम सनातनियों की शान हैं। इसलिए जब ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी ने ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनाने पर विचार किया तो मुझे वह सनातनी धर्म की काबलियत, हिंदू क्षमता, हिंदू गौरव की बानगी लगी।
NRI Hindus यह सत्य है कि ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे कई देशों में भारतीय मूल के लोग अपनी काबलियत, बुद्धि, खुले-उदार दिमाग से वहां महापंडित बने हैं। कई लोग उन देशों की सत्ता में हैं। मंत्री और अफसर हैं। मतलब सनातनी हिंदू मेधा के सच्चे प्रतिनिधि, कौम व सभ्यता के गौरव।
NRI Hindus लेकिन आठ साल के मोदी राज की छाया उन देशों में भी जा पहुंची। नफरत से पैदा हुए देशी लंगूर और टीवी चैनलों व सोशल मीडिया के भगवाई रंग-रूप के जादू ने इन एनआरआई हिंदुओं की बुद्धि का भी हरण कर लिया। उन्हें गंवार, मूर्ख और बुद्धिहीन बना डाला।
तभी मेड इन इंडिया के नए नफरती केमिकल का कमाल देखिए जो ब्रिटेन के लिस्टर शहर के हिंदुओं ने दुबई में हो रहे क्रिकेट मैच को देखा तो उनका ‘हनुमानत्व’ ऐसा जागा कि सडक़ों पर जय श्रीराम के नारा लगाने लगे। जैसे तिरंगा यात्रा आदि के मोदी-शाह के आह्वान में भारत में होता है और मुस्लिम बस्ती में जा कर पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगते हैं तो हिंदू बहुल लिस्टर के हिंदू, मुस्लिम इलाके में जय राम के नारों से अपना ‘हनुमानत्व’ दिखाने लगे। मुसलमान भी घर से बाहर निकल पड़े और उनका जवाबी नारा और अल्ला हू अकबर से प्रतिवाद!
तो नोट करने वाली पहली बात, जो दिमाग को अंधा और मूर्ख बनाने का भारत केमिकल ब्रिटेन के हिंदुओं की खोपड़ी में जा पैठा। यह अनहोनी और सत्यानाशी बात है। इससे अब विकसित, सभ्य, लोकतांत्रिक देशों में हिंदुओं के लंगूर रूप पर वॉच होगी।
हिंदू और हिंदू की राजनीतिक सोच की बदनामी फैलेगी। हम और आप अनुमान नहीं लगा सकते हैं कि ब्रिटेन के गोरे बहुल सभ्य समाज में लिस्टर की सडक़ पर जय श्रीराम के नारों और उसकी क्रिया-प्रतिक्रिया का कैसा प्रभाव हुआ होगा या आगे बनेगा। ऋषि सुनक से लेकर वहां के तमाम हिंदू मंत्री और नेता सभी की राजनीति पर ग्रहण लग गया है। यही स्थिति कनाडा और अमेरिका के एनआरआई हिंदुओं की बनती हुई है।
तो नफरत के हिंदू केमिकल का परिणाम ठेठ ब्रितानी हिंदुओं के दिमाग में भी। इसका परिणाम? हिंदू बुरी तरह पीटे। उस समाज में जलालत तो पाकिस्तानियों, मुसलमानों के लिए मौका। यह एक गहरी बात है। इसे उस राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ को खास तौर पर जानना चाहिए, जिसके प्रमुख मोहन भागवत डींग मारते हैं कि उनका संगठन तीन दिन में स्वंयसेवकों की सेना खड़ी कर देगा। सोचें, ऐसी डींग से भविष्य में क्या होगा? कथित सेना वैसी ही भागी और पीटी हुई होंगी, जैसे लिस्टर में अपनी बहुलता के इलाके में भी हिंदू पीटे हैं। हां, इतने पीटे कि भारत के उच्चायुक्त को वहां बयान देना पड़ा। और विश्व हिंदू परिषद ब्रितानी प्रधानमंत्री से अपील करते हुए है।
बुनियादी सवाल है कि नफरत का भारत राष्ट्र धर्म भला ब्रितानी एनआरआई हिंदुओं की बुद्धि को भी कैसे भ्रष्ट कर गया? उन्हें कैसे अंधा और लंगूर बना गया?
अपनी दलील है कि मोदी ने इतिहास की ग्रंथि पर भक्ति और अंधविश्वास का जो अमृत हिंदुओं को चखाया है तो वह पूरी हिंदू सभ्यता को करप्ट व अंधविश्वासी बनाते हुए है। ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका के हिंदू भला कैसे प्रभाव से बचे रहते? संभव ही नहीं जो विदेश में स्वदेश के जादूगर नरेंद्र मोदी और उनके रंग में रंगे भारत राष्ट्र का नफरत का संकल्प उनके दिमाग में न पैठे। वे सडक़ पर नहीं उतरें। लिस्टर के हिंदुओं में गुजराती खासे हैं। इसलिए उनका भी यह कर्तव्य पथ है जो वे ब्रिटेन में अमित शाह के पानीपत की तीसरी लड़ाई का डेमो कर दिखाएं।
तभी लिस्टर में जो हुआ वह भविष्य के भारत का डेमो है। आप नहीं मानते। मत मानिए। वक्त का इंतजार कीजिए।