New production record छत्तीसगढ़ में सीताफल बना सकता उत्पादन का नया कीर्तिमान

New production record

राजकुमार मल

New production record  बन सकता है उत्पादन का नया रिकॉर्ड

New production record भाटापारा- मैमथ, अरका सहन और बाला नगर को मौसम का साथ आगे भी ऐसा ही मिलता रहा तो इस बरस छत्तीसगढ़ में सीताफल का उत्पादन नया कीर्तिमान बना सकता है। इसे देखते हुए अंतरप्रांतीय कारोबार में जोरदार इजाफा की उम्मीद है।

https://jandhara24.com/news/114278/bjp-mission-2023-chhattisgarh-will-embark-on-a-new-pattern-regarding-election-preparations-bjp-know-bjp-initiative-campaign-launched/.

New production record सीताफल की तीन प्रजातियां इस बरस जोरदार उत्पादन दे सकतीं हैं। कीट प्रकोप जैसी समस्या से दूर इन प्रजातियों के पेड़ों में प्रारंभिक चरण में फूलों का लगना चालू हो चुका है। अवस्था से संकेत मिल रहे हैं कि किसान इस बरस सीताफल से अच्छी आय हासिल कर सकेंगे। इधर शीघ्र पकने वाली प्रजातियों के सीताफल ने बाजार में दस्तक दे दी है।

यह तीन प्रजाति

New production record बाला नगर। झारखंड में सबसे ज्यादा मिलने वाली यह प्रजाति अपने प्रदेश में भी बहुतायत में मिलती है। एक साल में एक पेड़ कम से कम 9 से 10 किलो फल देने में सक्षम है। मैमथ सीताफल का पेड़ 50 फल देने के लिए जाना जाता है। बड़ा आकार और गूदा की मात्रा अधिक होने से मांग ज्यादा होती है। तीसरी प्रजाति को अरका सहन के नाम से पहचान मिली हुई है। संकर प्रजाति का यह सीताफल धीमी गति से तैयार होता है। आकार छोटा लेकिन स्वाद में बेहद मीठी यह प्रजाति बच्चों के बीच बेहद पसंद की जाती है।

देश में महाराष्ट्र अव्वल

New production record 92 हजार 320 टन सीताफल उत्पादन के साथ महाराष्ट्र शीर्ष पर है। दूसरे नंबर पर गुजरात, तीसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है। अपना छत्तीसगढ़ भले ही चौथे नंबर पर हो लेकिन स्वाद और गूदा के मामले में कांकेर, गौरेला, पेंड्रा, मरवाही और तखतपुर के ग्रामीण अंचल से निकलने वाला सीताफल अंतरप्रांतीय कारोबार में अव्वल नंबर पर है।

ऐसे करें सीताफल की खेती

Chhattisgarh Today News : जातियों के मात्रात्मक त्रुटि में हुआ सुधार, समाज ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

बीज भी लगाए जा सकते हैं तो पॉलीहाउस में पौधे तैयार करके रोपण किया जा सकता है। कलम के माध्यम से भी नया पौधा तैयार किया जा सकता है। बीज रोपण के लिए जनवरी से जून का महीना और ग्राफ्टिंग विधि के लिए अगस्त से नवंबर का महिना उपयुक्त होता है। दोनों ही विधि से लगाए गए पौधे समय पर फल देने में सक्षम हैं।

भरपूर न्यूट्रिएंट्स

सीताफल विटामिन सी और मैगनीज, थाइमिन और विटामिन बी 6 का उत्कृष्ट स्त्रोत है और उचित मात्रा में बी-2, बी-3, बी-5, बी-9,आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम और फाइबर जैसे न्यूट्रिएंट्स की मात्रा अधिक होती है।

– डॉ अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट, फॉरेस्ट्री, टीसीबी कॉलेज ऑफ एग्री रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU