New Delhi Breaking राहुल के लंदन वाले बयान को लेकर संसद में हंगामा

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New Delhi Breaking भारत के लोकतंत्र को लेकर आपत्तिजनक बयान पर राहुल को मांगनी चाहिए माफी

 

‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे गूंजने लगे

 

New Delhi Breaking नयी दिल्ली !  संसद में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिये गये बयानों का मुद्दा सत्ता पक्ष की ओर से उठाये जाने के बाद शुरू हुए हंगामें के कारण दोनों सदनों में कामकाज नहीं हो सका। सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि कांग्रेस के नेता ने भारत के लोकतंत्र को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है और इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

इसके विरोध में दोनों सदनों में विपक्ष ने पीठ के समक्ष एकत्रित होकर सरकार और अडानी उद्याेग घराने के बीच संबंध का आरोप लगाते हुए इसकी जांच के लिए संयुक्त जांच समिति (जेपीसी) गठन की मांग को लेकर नारेबाजी की। हंगामे के कारण दोनों सदनों में दिन भर कोई कामकाज नहीं हो सका और कार्यवाही मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।


New Delhi Breaking  बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन लोकसभा और राज्य सभा में पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने श्री गांधी के लंदन में देश के लोकतंत्र के बारे में दिये गये बयानों का मुद्दा उठा दिया जिससे हंगामा शुरू होगया।

उसी दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों ने गांधी पर सत्ता पक्ष की ओर से की गयी टिप्पणियों का विरोध करते हएु हंगामा किया और अडानी मामले पर जेपीसी के गठन की मांग करने लगे। दोनों पक्षों की ओर से किया जा रहा हंगामा थमता न देख दोनों सदनों की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।


इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में हंगामे के बीच कहा कि श्री गांधी इस सदन के सदस्य हैं, उन्होंने लंदन में भारत को बदनाम किया है। यह भारत की गरिमा पर गहरी चोट है। उन्हें सदन में आकर माफ़ी माँगनी चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि  गांधी विदेशी धरती पर जाकर अध्यक्ष के ऊपर आरोप लगाते हैं कि उनका माइक सदन में बंद किया जाता है।  गांधी की ओर से भारत के आंतरिक मामले में विदेशी हस्तक्षेप की माँग करना निंदनीय है। इस मामले में सदन को उनकी निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री गांधी को सदन से माफ़ी माँगनी चाहिए।


New Delhi Breaking  अध्यक्ष ने हंगामे के बीच सदस्यों को अपने-अपने स्थान पर जाने के लिए लिए कहा, लेकिन हंगामा बढ़ता गया, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही अपराह्न 11 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।


लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी दलों के सदस्य आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे। कांग्रेस के सदस्य ‘वी वांट जस्टिस’ और ‘वी वांट जेपीसी’ के नारे लगाने लगे तो सत्ता पक्ष की तरफ से जवाब में उसी आक्रामकता के साथ ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे गूंजने लगे।


पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने हंगामे के बीच जरूरी विधायी कार्य निपटवाया और सदस्यों से सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से संचालित करने में सहयोग की अपील की।


New Delhi Breaking  अग्रवाल ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपनी सीटों पर बैठ जाएं और जिन मुद्दों पर विपक्ष के सदस्य चर्चा चाहते हैं उन सब मुद्दों पर चर्चा की अनुमति दी जायेगी। उनका कहना था कि संसद और पीठ का सम्मान सभी के लिए अनिवार्य है और किसी भी सदस्य को इसकी अवमानना की अनुमति नहीं दी जा सकती, इसलिए सदस्य अपनी सीटों पर चले जाएं और सदन की कार्यवाही चलने दें, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी और हंगामा बढ़ता गया जिसके कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।


राज्य सभा में पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने विदेश में जाकर सदन का अपमान किया है। इसके साथ ही कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वामपंथी दलों, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और अन्य दलों के सदस्य श्री गोयल का विरोध करते हुए हंगामा करने लगे। सभापति के हस्तक्षेप के बाद विपक्षी दलाें के सदस्य शांत हो गये और अपनी सीट पर चले गये।


गोयल ने कहा कि कांग्रेस के नेता ने देश के लोकतंत्र, सेना, चुनाव आयोग और प्रेस को लेकर अनाप-शनाप बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है, उन्होंने विपक्ष के संंबंधित नेता से देश के लोगों, सदन और प्रेस से माफी मांगने की मांग की। इसके बाद कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गये तथा अन्य दलों के नेता अपनी सीट के निकट खड़े रहे। इस दौरान श्री गोयल ने कहा कि आपात काल के दौरान लोकतंत्र पर खतरा आ गया था, इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने हंगामा और तेज कर दिया।


New Delhi Breaking  विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के अपने वक्तव्य के लिए खड़े होने के साथ ही भाजपा के सदस्यों ने अपनी सीट से हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान श्री खड़गे ने श्री गोयल के बयान की निंदा करते हुए कहा कि देश में जो कुछ चल रहा है, उसे दुनिया जानती है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इस सदन का सदस्य नहीं है, उस पर टीका करना ठीक नहीं है।


इससे पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह सदन सभी पक्षों को सुनने के लिए है। चर्चा और बहस के लिए है। श्री धनखड़ ने कहा कि नियम 267 काे छोड़कर उन्होंने कभी किसी सदस्य को बोलने से नहीं रोका। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता का यह देश है।


सदस्यों का हंगामा जारी रहने के बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
भोजनवकाश के उपरांत श्री धनखड़ ने सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए श्री गोयल को बोलने की अनुमति दी। श्री गोयल ने कहा कि विपक्ष के एक वरिष्ठ सदस्य विदेशों में भारतीय लोकतंत्र और अन्य संस्थाओं का अपमान कर रहे हैं। उन्हें सदन और देश से इसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए।

New Delhi Breaking  इसके साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों ने माफी मांगों के नारे लगाने आरंभ कर दिये। इस पर सदन में श्री खड़गे ने कहा कि दूसरे सदन के बयान का उल्लेख सदन में नहीं किया जा सकता, इसलिए सदन के नेता के बयान को कार्यवाही से निकाल देना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और भारत राष्ट्र समिति के के केशवराव ने भी श्री खड़गे का समर्थन किया। इसके बाद कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह अध्यक्ष के आसन की ओर बढ़ने लगे। कांग्रेस और विपक्ष के अन्य सदस्य भी जोर जोर से नारे लगाने लगे।


New Delhi Breaking  इस पर श्री धनखड़ ने दोनों पक्षों के शांत होने और कार्यवाही चलने देने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने सदन कार्यवाही अपराह्न दो बजकर 10 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।
इससे पहले पूर्वाह्न श्री गोयल ने कहा कि विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने विदेश में जाकर सदन का अपमान किया है। इसके साथ ही कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वामपंथी दलों, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और अन्य दलों के सदस्य श्री गोयल का विरोध करते हुए हंगामा करने लगे। सभापति के हस्तक्षेप के बाद विपक्षी दलाें के सदस्य शांत हो गये और अपनी सीट पर चले गये।


New Delhi Breaking  गोयल ने कहा कि कांग्रेस के नेता ने देश के लोकतंत्र, सेना, चुनाव आयोग और प्रेस को लेकर अनाप-शनाप बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है, उन्होंने विपक्ष के संंबंधित नेता से देश के लोगों, सदन और प्रेस से माफी मांगने की मांग की। इसके बाद कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गये तथा अन्य दलों के नेता अपनी सीट के निकट खड़े रहे। इस दौरान श्री गोयल ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र पर खतरा आ गया था, इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने हंगामा और तेज कर दिया।


खड़गे के अपने वक्तव्य के लिए खड़े होने के साथ ही भाजपा के सदस्यों ने अपनी सीट से हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान श्री खड़गे ने श्री गोयल के बयान की निंदा करते हुए कहा कि देश में जो कुछ चल रहा है, उसे दुनिया जानती है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इस सदन का सदस्य नहीं है, उस पर टीका करना ठीक नहीं है।
इससे पहले सभापति ने कहा कि यह सदन सभी पक्षों को सुनने के लिए है। चर्चा और बहस के लिए है। श्री धनखड़ ने कहा कि नियम 267 काे छोड़कर उन्होंने कभी किसी सदस्य को बोलने से नहीं रोका। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता का यह देश है।


New Delhi Breaking  भोजनावकाश के बाद भी सदस्यों का हंगामा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

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