National flag : आपने वाहन पर गलत तरीके से तो नहीं लगाया है राष्ट्रीय ध्वज? हो सकती है जेल…पढ़िए पूरी खबर
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इन्हें है विशेष रूप से अधिकार
भारत ध्वज संहिता नियम कहता है कि सिर्फ कुछ संवैधानिक प्रमुखों को अपने वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विशेष विशेषाधिकार है।
इन गणमान्य व्यक्तियों में भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और उपराज्यपाल, प्रधान मंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री और राज्य के कैबिनेट मंत्री शामिल हैं।
अन्य लोगों में लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधान सभाओं और परिषदों के स्पीकर, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश और विदेशों में भारतीय मिशन पदों के अध्यक्ष शामिल हैं।
यहां नहीं फहरा सकते तिरंगा
नागरिकों को घर पर तिरंगा फहराकर या हाथ में लेकर अपने राष्ट्रवादी उत्साह का प्रदर्शन करने की अनुमति है। लेकिन निजी वाहनों पर गलत तरीके से तिरंगा फहराना अपराध है।
भारत ध्वज संहिता का उल्लंघन राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के अपमान की रोकथाम के तहत दंडनीय है। धारा 3.23 राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन का कैसे दुरुपयोग हो जाता है
इसके बारे में बताता है, यहा कहा गया है कि, “झंडे को गाड़ी , ट्रेन या नाव के ऊपर, किनारे और पीछे नहीं लपेटा जाना चाहिए
वाहन गाड़ियों में ऐसे फहराएं तिरंगा
धारा 312 के तहत जब तिरंगे के सही प्रदर्शन के तरीकों के बारे में बताता है, “जब एक मोटर कार या किसी भी वाहन पर झंडा अकेला प्रदर्शित किया जाता है, तो उसे एक डंडे के सहारे फहराया जाना चाहिए,
जिसे या तो बोनट के सामने बीचो-बीच पर या कार के सामने राईट और मजबूती से साथ लगा हुआ होना चाहिए।”
इस तरह से होता है तिरंगे का अपमान
तिरंगे का गलत उपयोग , या कोई भी जो ‘जलाता है, विकृत करता है, नष्ट करता है रौंदता है या 1 दिखाता है या , भारतीय तिरंगे या भारत का संविधान या उसके किसी भाग की अवमानना
(चाहे शब्दों द्वारा, या तो बोले या लिखित, या कृत्यों द्वारा) उसे कारावास से, जिसकी अवधि 3 साल तक हो सकती है,फिर जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।’कड़ी सजा दी जाएगी