(Narva Treatment) किसानों को दो फसली खेती के लिए मिली सिंचाई सुविधा
(Narva Treatment) अम्बिकापुर। नरवा ट्रीटमेंट से अब केंदली नाला को नवजीवन मिला जिससे जल स्त्रोत्र बढ़ा और किसानों को दो फसली खेती के लिए सिंचाई की सुविधा मिल रही है।
(Narva Treatment) सीतापुर विकासखण्ड के ग्राम एरण्ड में बहने वाला केंदली नाला (लंबाई 12 किलोमीटर) स्थित नरवा उत्थान के लिये चयनित हुआ है जिस पर महात्मा गांधी नरेगा से बोल्डर चेकडेम निर्माण के 24 नग, गली प्लग निर्माण कार्य 71 नग, डबरी निर्माण कार्य के 06 नग, कच्ची नाली निर्माण कार्य में 04 नग, रिचार्ज पिट में 260 नग, मेड़बंधी के 02 नग कार्य स्वीकृत कर ड्रेनेज ट्रीटमेंट एवं कैचमेंट ट्रीटमेंट कर नाले को पुर्नजीवन दिया गया।
(Narva Treatment) कार्यो के पूर्ण होने पर यह नाला अब फरवरी-मार्च तक बहता है। पूर्व में इसमें अक्टूबर माह तक ही पानी बहता था। नाले में ट्रीटमेंट कार्य होने से आस-पास के क्षेत्र के जलस्तर में वृद्धि हुई है तथा खेतों में नमी भी बढ़ी है। किसानों को अपनी खेती के लिए अब समय पर पानी मिलने से रबी की खेती में सिंचाई की सुविधा बढ़ी है साथ ही मवेशियों को पानी पीने की सुविधा भी प्राप्त हुई है।
नरवा क्षेत्र के 30 किसानों को अब खरीफ की फसल के साथ-साथ रबी की फसलों के लिए भी पानी मिल रहा है। पूर्व में उनके खेत सिंचाई के अभाव में बारिश के बाद खाली पड़े रहते थे वर्तमान में उनमें फसल लहलहा रही है। लाभान्वित होने वाले कृषकों में श्री लथी, श्री धुनाराम, श्री लछन, श्री भदर श्री बोकी, आदि के द्वारा गेहूं, चना, मटर एवं मसूर, सरसों की खेती की जा रही है।
ज्ञातव्य है कि भविष्य के जल की सुनिश्चितता हेतु विभिन्न माध्यमों से जल संरक्षण किया जा रहा है। जिले में जल सरंक्षण के क्षेत्र में ऐसे ही एक माध्यम के रूप में नरवा विकास अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इससे जल संवर्धन को काफी बढ़ावा मिल रहा है।
नरवा अंतर्गत ऐसे नाले जिसमें बारिश के दिनों में पानी तो बहता है मगर सही तरीके से संरक्षित नहीं होने के कारण कुछ समय बाद सूख जाता है, ऐसे नालों को विकसित कर पुनर्जीवित किया जा रहा है।