Narayanpur : नक्सलियों ने की पुलिसकर्मी के भाई की हत्या
Narayanpur : नारायणपुर ! छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने पुलिसकर्मी के भाई का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी।
पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मृतक सन्नू उसेंडी (30) का शव रविवार रात जिले के ओरछा गांव के बटुमपारा चौक पर बरामद किया गया। सन्नू राज्य पुलिस की इकाई ‘बस्तर फाइटर्स’ के एक सिपाही का भाई था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के कोहकामेटा इलाके का निवासी सन्नू नारायणपुर शहर में रह रहा था और उसकी एक चाय की दुकान थी।
Narayanpur : गत शुक्रवार को नारायणपुर जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर कोहकामेटा के नजदीक कुतुल गांव के एक स्थानीय बाजार से नक्सलियों ने सन्नू को पुलिस का मुखबिर बताते हुए उसे अगवा कर लिया था। जिसके चलते नक्सलियों ने उसकी हत्या कर दी और बाद में शव को कुतुल से लगभग 20 किलोमीटर दूर ओरछा में फेंक दिया।
मौत की सूचना मिलने के बाद पुलिस दल को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया तथा शव को बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। हमलावरों का पता लगाने के लिए इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
नक्सलियों ने शव के पास पर्चे भी फेंके थे जिसमें युवक को नक्सलियों ने गत 15 जून को फरसबेड़ा और कोडतामरका में हुईं मुठभेड़ का असली जिम्मेदार बताया है। पर्चे में कहा गया है कि इसलिए युवक को ‘मौत की सजा’ दी गई है।
Narayanpur : सन्नू के शव को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर कर वैधानिक कार्रवाई कर रही है। युवक अबूझमाड़ के नेलांगुर थाना कोहकामेटा क्षेत्र का निवासी है। वर्तमान में वह जिला मुख्यालय में स्थित बांसशिल्प में निवासरत था।
नक्सली मुठभेड़ के बाद पुलिस मुखबिरी के आरोप में लगातार नक्सली ग्रामीण की हत्या कर रहे हैं। वहीं कई ग्रामीणों को गांव से बेदखल भी कर दिया गया है। बीते पांच महीने में करीब छह ग्रामीणों की हत्या करने के बाद सामने आई है। वहीं 30 से 40 परिवारों को गांव से बाहर निकाल कर नारायणपुर जिला मुख्यालय भेज दिया गया है।
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Narayanpur : पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सन्नू (30) पिता डोगे उसेंडी निवासी नेलांगुर थाना कोहकमेता वर्तमान पता बांस शिल्प कॉलोनी नारायणपुर को पुलिस मुखबीर होने के आरोप में नक्सलियों ने हत्या कर दी और रविवार की रात्रि को शव को बटुमपारा चौक ओरछा में रखकर फरार हो गए।