Nadda will continue till elections नड्डा चुनाव तक बने रहेंगे!

Nadda will continue till elections

Nadda will continue till elections नड्डा चुनाव तक बने रहेंगे!

Nadda will continue till elections भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के मामले में पिछला इतिहास दोहराए जाने की संभावना है। जिस तरह पिछले लोकसभा चुनाव से पहले अमित शाह का कार्यकाल समाप्त हो गया था लेकिन वे लोकसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव तक अध्यक्ष बने रहे थे।

Nadda will continue till elections उसी तरह इस बार लग रहा है कि जगत प्रकाश नड्डा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव तक या उसके बाद भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे। अमित शाह के अध्यक्ष रहते नड्डा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था और उन्होंने जनवरी 2020 में पूर्णकालिक अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था।

Nadda will continue till elections उस तरह से इस बार नड्डा के साथ कोई कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना नहीं है लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि नड्डा अध्यक्ष बने रहेंगे। नड्डा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में समाप्त हो रहा है। भाजपा के संविधान के कोई मुताबिक कोई भी नेता लगातार दो बार अध्यक्ष रह सकता है।

Nadda will continue till elections इस नाते उनके फिर से अध्यक्ष बनने के रास्ते में कोई तकनीकी बाधा नहीं है। सो, उन्हें चुनाव तक विस्तार मिल सकता है या तीन साल का एक और कार्यकाल मिल सकता है। पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं का मानना है कि अभी सब ठीक चल रहा है और नड्डा की टीम परफेक्ट संतुलन के साथ काम कर रही है। इसलिए संतुलन बिगाडऩे या बदलने की जरूरत नहीं है।

Nadda will continue till elections अगर पार्टी तय करती है कि जेपी नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे तो इसका मतलब होगा कि अगर भाजपा फिर से जीतती है तो वे हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। काफी समय से इस बात की चर्चा थी कि उनको उनके गृह प्रदेश भेजा जा सकता है। जयराम ठाकुर की जगह जेपी नड्डा या अनुराग ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा काफी समय से चल रही है। ध्यान रहे हिमाचल प्रदेश में नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। अगर भाजपा जीतती है और नड्डा मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो तय हो जाएगा कि वे पार्टी अध्यक्ष बनेंगे और भाजपा उनकी कमान में ही 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी।

अगर ऐसा होता है तो यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा मैसेज होगा, जिसके मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद नहीं स्वीकार कर रहे हैं। बहरहाल, अगर नड्डा को दूसरा कार्यकाल नहीं मिलता है या उन्हें लोकसभा चुनाव तक विस्तार नहीं मिलता है तो दो केंद्रीय मंत्रियों- धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंदर यादव में से किसी के अध्यक्ष बनने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि यह संभावना भी जताई जा रही है कि ऐन मौके पर आरएसएस की ओर से कोई चौंकाने वाला नाम भी सुझाया जा सकता है।

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