Mud-soaked road : बेहोश मरीज को स्ट्रेचर में ढोकर दो किलोमीटर चले पैदल

Mud-soaked road :

Mud-soaked road : बेहोश मरीज को स्ट्रेचर में ढोकर दो किलोमीटर चले पैदल

Mud-soaked road : कोरबा । ग्राम धनरास में बेहोश युवती को एंबुलेंस तक पहुंचाने में उसके स्वजन व मेडिकल स्टाफ को स्ट्रेचर में ढोकर दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। वर्षा काल में गांव तक पहुंचने के लिए बनी सडक़ कीचड़ से लथपथ हो चुकी है। गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने से यह परेशानी उठानी पड़ी। एंबुलेंस की सुविधा होने के बाद भी युवती अस्पताल तक पहुंचाने में देरी हुई। चिंताजनक स्थिति में युवती का जटगा अस्पताल में इलाज चल रहा है।

https://jandhara24.com/news/109790/the-dead-body-of-the-middle-aged-found-in-the-breaking-kachana-pond-sensation-spread-in-the-area/
जिले के वनांचल गांव तक पहुंचने के लिए आज भी सडक़ों का अभाव है। नदी नाला ही नहीं बल्कि कच्ची सडक़ में कीचड़ होने के वजह से चिकित्सा सेवा के लिए चलाई जा रही संजीवनी 108 वांछित जगह तक नहीं पहुंच रही। रविवार को इसी तरह की घटना सामने आया है। संजीवनी 108 सेवा के लिए ग्रााम धनरास के बंधु सिंह के घर से काल आया। बताया गया कि उसकी बेटी भागमती 18 वर्ष अचानक बेहोश हो गई। लोकेशन के आधार पर संजीवनी 108 के वाहन चालक श्रीपाल साहू पैरामेडिकल स्वास्थ्य कर्मी फूलबाई के साथ रवाना हुए।

ग्राम धनरास के बाहर ही वाहन रूक गई। दरअसल बस्ती तक पहुंचने के सडक़ कीचड़ से लथपथ था। इस वजह से मरीज भागमती के घर तक पहुंचना असंभव था। उधर मरीज के दशा बिगड़ रही थी। आनन-फानन में वाहन चालक ने मरीज को स्ट्रेचर में ढोकर एंबुलेंस तक लाने की युक्ति स्वजनों को बताई। इस तरह कीचड़ से लथपथ सडक़ में दो किलोमीटर पैदल चलकर मरीज को एंबुलेंस तक लाया गया।

बेहोश युवती जटगा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। जिला प्रशासन की ओर से भले ही गांवों में मुख्य मार्ग से जोडऩे के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन पहुंच विहीन गांव के रहवासी हलकान हो रहे हैं।

Teachers day special शिक्षक दिवस विशेष – माँ ही मेरी प्रथम पाठशाला और शिक्षिका :  नपा अध्यक्ष

इसके पहले भी पसान के निकट ग्राम तुलबुल निवासी गर्भवती महिला खाट में ढोकर नाला पर कराने के बाद एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया था। बहरहाल संजीवनी 108 के वाहन चालक और पैरामेडिकल की सूझबूझ से गंभीर मरीज को अस्पताल तक पहुंचानें में सहूलियत हुई।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU